ओमीक्रोन का तेजी से बढ़ना उजागर कर रहा हैं ‘महामारी के दो रुप’ अमीर और गरीब

The rapid growth of Omicron is revealing the 'two forms of the epidemic', rich and poor

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टोरंटो। एक बार फिर से देश में कोविड-19 के नए वैरिएंट ने सभी को चिंता में ड़ाल दिया हैं, लोग फिर से स्वयं को घरों में बंद करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। वहीं पिछले दो वर्षों में महामारी की दो लहरों के प्रभावों पर चर्चा करते हुए मिसिसॉगा के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. अमित आर्या और टोरंटो के यूनिवर्सिटी हैल्थ नेटवर्क के सोशल मेडिसन प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. एन्ड्रू बूजेरी ने अपने संदेश में कहा कि इन लहरों ने दुनिया को महामारी के दो रुप दिखाएं।

डॉ. अमित आर्या ने कहा कि पहला वह वर्ग था जो अपनी सुरक्षा के लिए अधिक धन खर्च नहीं कर सकता और अपनी आजिवीका के लिए उसे अधिक समय तक घर में भी रहना कठिन हो रहा था, ऐसे में वह मजबूरी में घर से बाहर निकलता हैं और अधिक संक्रमण फैला रहा हैं, वहीं दूसरी और वह वर्ग जो अपनी सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के उचित प्रबंध करता हैं और समय से पूर्व ही संक्रमण से बचने के उपायों को अधिक महत्व देता हुआ सभी स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करता हैं।

इस प्रकार से इस चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि महामारी भी दो वर्गों में बंट कर रह गई एक अमीर तो दूसरा गरीब, अमीर महामारी से बचने के उपाय स्वयं उचित प्रकार से कर लेता हैं, परंतु गरीब वर्ग चाहकर भी उचित प्रकार से निर्देशों को नहीं मान पाता, इस बात को समझना होगा और सभी समान रुप से निर्देशों को माने और सुरक्षा चक्र को और अधिक मजबूत करें इस बात पर अवश्य ध्यान देना होगा। तभी इस प्रकार के संक्रमणों से बचा जा सकता हैं, नहीं तो ये संक्रमण इसी प्रकार से प्रसारित होतें रहेंगे। एक उदाहरण देते हुए डॉ. आर्या ने कहा कि जैसे एक सामान्य कर्मचारी प्रतिदिन अपने कार्य द्वारा लगभग 400 लोगों को संक्रमित कर सकता हैं, जबकि उसके कार्यां को रोकना भी संभव नहीं हैं।

इन महामारियों ने दुनिया को यह भी बताया कि यदि आपके पास उचित धन है तो आप सब प्रकार से सुरक्षित हैं, परंतु जिनके पास उचित धन नहीं उन्हें संक्रमण का खतरा बना रहेगा और वह संक्रमण का प्रसार मजबूरी में करेंगे। महत्वपूर्ण कार्यों में लगे आम कर्मचारियों के कार्यों को सुचारु करने के लिए पहले उन्हें सुरक्षित करना होगा, जिससे संक्रमण का प्रचार अधिक न हो सके।

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