इन्फेक्शन से आपको बचाया नहीं जा सकता : डॉ. साकिब साहब
- शासकेटचवान के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. साकिब साहब ने माना कि कमजोर इम्युनिटी वालों को दो बार कोविड होना आम बात हैं, इससे घबराएं नहीं
रेगीना। शासकेटचवान के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. साकिब साहब ने अपने साक्षात्कार में उन सभी लोगों की शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि इस समय कोविड के नए रुप को समझना सभी के लिए कठिन हो रहा हैं, इसलिए कोविड टेस्ट पॉजिटीव आने पर घबराएं नहीं और सामान्य उपचार करवाकर इसे दूर करने का प्रयास करें। इस बारे में एक संक्रमित महिला रोगी क्रिस्टीयन ईन ने पत्रकारों को बताया कि जब उसकी कोविड टेस्अ रिपोर्ट पॉजिटीव आई तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि उसने समय पर अपनी दोनों डोजस लगवा रखी थी फिर भी उसे पिछले तीन-चार दिन से बुखार चढ़ा हुआ था और वह उतर ही नहीं रहा था, डॉक्टर की सलाह पर जब उन्होंने टेस्ट करवाया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटीव आई जिसके कारण उसे बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ी, उन्होंने बताया कि गत फरवरी में भी उन्हें कोविड हुआ था और इतनी जल्दी दोबारा इस संक्रमण की चपेट में आना बहुत ही गंभीर बात हैं, जिसके लिए वह अभी तक तैयार ही नहीं थी। डॉ. साहब ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष देश में ऑमीक्रोन फैला था, जिसके बारे में भी अधिक जानकारी नहीं होने के कारण इसका उपचार करने में परेशानी उत्पन्न हो रही थी और लोगों को इस संबंध में अधिक जागरुक भी नहीं किया जा रहा था।
कुछ मरीज इसके एक रुप से ग्रस्त थे तो वहीं दूसरे कुछ मरीज इसके दूसरे प्रभाव से ग्रसित थे, इसलिए इस बारे में उचित प्रकार के उपचार करना कठिन हो रहा था। ज्ञात हो कि इंग्लैंड में किए एक स्टडी में यह स्पष्ट कहा गया कि इन्फेक्शन से लोगों को बचाना अंसभव हैं, इसलिए पहले लोगों को इसका इन्फेक्शन लगने दिया जाएं, जिससे उनका शरीर इसका आदि हो जाएं उसके पश्चात इसके रोकथाम पर कार्यवाही करें, इसके लिए डॉक्टरों का भी यह मानना है कि अपना पूर्ण वैक्सीनेशन के बावजूद पीड़ित को संक्रमित होना आम बात हैं, इसलिए परेशान न हो।
इसके अलावा जिन लोगों ने अपनी दोनों खुराकें ले ली हैं वे आगामी दो सप्ताह से तीन माह के अंदर बूस्टर डोज भी ले लें, जिससे पूर्ण रुप से सुरक्षित हो सके। सूत्रों की मानें तो अभी भी देश में 47 प्रतिशत ऐसी जनसंख्या शेष है जिन्हें तीसरी डोज लगनी हैं और वे इस बारे में अधिक गंभीर नहीं हैं। कैनेडा के लोक स्वास्थ्य एजेंसी का मानना है कि ईन जैसे ऐसे लाखों मरीज हैं जो दो बार संक्रमित होने के बावजूद बूस्टर डोज के लिए पूर्णत: योग्य हैं और अपने बुखार के ठीक होते ही उन्हें भी अपनी बूस्टर डोज प्राप्त कर लेनी चाहिए।
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