ट्रुडो और स्कूल्ज ने माना कि जर्मन नेताओं की मॉन्ट्रीयल और टोरंटो यात्रा दोनों देशों के संबंधों में लाएंगी और अधिक मजबूती
Trudeau and Schulz agreed that the visits of the German leaders to Montreal and Toronto would bring further strength to relations between the two countries.
टोरंटो। जर्मन नेताओं के तीन दिवसीय कैनेडा यात्रा को प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो और जर्मन चान्सलर ओल्फ स्कूल्ज (Prime Minister Justin Trudeau and German Chancellor Olf Schulz) ने एक अच्छी शुरुआत का नाम दिया हैं। सूत्रों के अनुसार जर्मन से आएं ये नेता अपनी मॉन्ट्रीयल और टोरंटो यात्रा के दौरान कई केंद्रीय मंत्रियों से भेंटवार्ता करेंगे, जिसके अंतर्गत कई महत्वपूर्ण डील होने की संभावना भी जताई जा रही हैं।
इस अवसर पर अपना बयान देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच निवेश और साझेदारी निवेशों को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें मुख्य रुप से क्रिटीकल मिनरलस और ऑटोमोटिव सेक्टरस शामिल हैं। ज्ञात हो कि गत दिनों 27 जून, 2022 को आयोजित जी7 सम्ममेलन में भी प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो और जर्मन चान्सलर ओल्फ स्कूल्ज ने माना था कि आगामी दिनों में दोनों देश व्यापारिक रणनीतियों के अंतर्गत दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहयोग करेंगे, उसी के अंतर्गत यह मॉन्ट्रीयल और टोरंटो यात्राओं का आयोजन किया गया। ये जर्मन नेता कैनेडियन केंद्रीय सरकार द्वारा फंडड नेशनल आर्टिफीशयल इन्टेलीजेन्स संस्थान का भी दौरा करेंगे।
सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि इन नेताओं के सम्मान में टोरंटो में अधिकारिक रात्रि भोजन का भी आयोजन किया गया हैं। गौरतलब है कि पिछले साल जर्मन चान्सलर के रुप से ओल्फ ने एंजेला मरकेल के स्थान पर यह पद हासिल किया था, तभी से उनका झुकाव कैनेडा की ओर रहा हैं और वे सदैव ही कैनेडियन व्यापारिक नीतियों के समर्थक रहे हैं, जिसके कारण अब प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने भी इस निवेश पर अपना उत्साह दिखाते हुए इस डील को आगे बढ़ाने के लिए अपना समर्थन प्रस्तुत किया।
जानकारों ने यह भी बताया कि पिछले दिनों ट्रुडो और ओल्फ ने जर्मनी को स्वच्छ हाईड्रोजन की आपूर्ति कैनेडा द्वारा किए जाने पर कई मुद्दों पर गहन चर्चा भी की और इसके साथ-साथ दोनों देशों ने वर्तमान में यूक्रेन युद्ध पर भी अपना पक्ष प्रस्तुत किया और भावी संभावनाओं पर चर्चा की। कैनेडा के कहने पर जर्मनी भी रुस पर इस युद्ध को रोकने के लिए अपना दबाव बना रहा हैं और विश्व में चल रहे इस युद्ध के कारण असहजताओं को समाप्त करने के लिए कई अन्य कदम भी उठाने पर विचार कर रहा हैं।
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