प्राकृतिक आपदाओं ने कैनेडियन अर्थव्यवस्था को पहुंचाया नुकसान : जीएचडी
Natural disasters hurt Canadian economy: GHD
औटवा। एक्वानोमिक्स द्वारा जीएचडी में प्रकाशित की गई ताजा रिपोर्ट (Latest report published by Aquanomics in GHD) में माना गया कि पिछले कुछ वर्षों से देश में लगातार आ रही प्राकृतिक आपदाओं के कारण देश की अर्थव्यवस्था तेजी से गिर रही हैं और जिसके संतुलन में 30 से अधिक वर्ष का समय लग सकता हैं। रिपोर्ट में यह भी माना गया कि सबसे अधिक नुकसान ब्रिटीश कोलम्बिया की नदी में आई बाढ़ के कारण आंका गया हैं। इस विषय पर अपने साक्षात्कार में हौलेंड ने पत्रकारों को बताया कि इस नुकसान का सबसे अधिक प्रभाव खाद्य सामग्रियों पर पड़ेगा और देश में तेजी से महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष 2021 में भी इस नदी में आई भयंकर बाढ़ के कारण इसने प्रांत को पूरे देश से अलग कर दिया था, जिसके कारण कुछ समय के लिए वैनकुअर पूरे देश से पृथक हो गया और इस क्षेत्र का विकास भी रुक गया था। होलैंड ने यह भी माना कि दो वर्ष पहले आएं कोविड-19 की आपदाओं से अभी तक देश की अर्थव्यवस्था सही प्रकार से उबर ही नहीं पाई थी, कि इन प्राकृतिक आपदाओं ने देश में महंगाई को और हवा दे दी हैं।
जानकारों का मानना है कि इन आपदाओ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए कम से कम 30 वर्ष का लंबा समय लग सकता हैं अर्थात् 2050 तक देश की अर्थव्यवस्था अपने वर्तमान स्वरुप को प्राप्त कर सकेगी। यहीं नहीं गत मई में दक्षिणी और पूर्वी ओंटेरियो में आएं भारी तूफानों ने भी यहां के प्रबंधन को नष्ट करके रख दिया हैं जिसका सीधा प्रभाव स्थानीय लोगों पर पड़ा हैं और उनके रोजगार और आवासीय साधनों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा हैं। यहीं नहीं गत रविवार को ग्रेटर टोरंटो एरिया में आएं भारी आंधी तूफान के कारण कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भयंकर बन गई हैं।
पर्यावरण कैनेडा ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में यहीं कहा कि राज्य के कई चुनिंदा क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति और अधिक भयानक हो गई, जिसके लिए क्षेत्रवासियों को सलाह दी गई थी कि वे सतर्क रहें और इस मौसम में बहुत अधिक आवश्यकता होने पर ही अपने घरों से बाहर निकले। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों में पील प्रांत में, ब्रैम्पटन और दक्षिणी कालेडन प्रांतों में 100 मिलीलिटर तक वर्षा हुई, इतनी अधिक वर्षा से इन इलाकों के नीचले प्रांतों में पानी भर गया और इससे बाढ़ की स्थिति और अधिक बिगड़ गई। हार्डग्रेट क्रिसेंट निवासी प्रिंस शर्मा ने मीडिया को बताया कि इस समय वह और उनका पूरा परिवार बहुत अधिक असहाय महसूस कर रहे हैं, इस समय हमें केवल खाली स्थान ढूंढने के अलावा और कोई चारा नहीं दिख रहा हैं।
नीचले स्थानों से जल्द से जल्द पानी बाहर निकालना होगा जिससे वे घरों में घुसकर उनका सामान खराब नहीं कर दें। यह दृश्य बहुत अधिक खतरनाक हैं। जिससे निपटने के लिए सरकार को बहुत अधिक प्रबंध करने होगें। तभी किसी भी बड़े संकट से राज्य को बचा सकते हैं। रविवार की शाम को आएं तूफान से पूर्व ही ईलाके में 10 मिलीमीटर से 15 मिलीमीटर तक वर्षा हो चुकी थी, जिसके कारण इन क्षेत्रों में पहले से ही भारी मात्रा में पानी एकत्र था और इस समय नागरिकों की मूल आवश्यकताओं को नजरअंदाज करके केवल व्यापारिक संसाधनों को बचाना गलत होगा। इस तूफान ने प्रभावित क्षेत्रों के पावर ग्रिडों को भी बहुत नुकसान पहुंचाया हैं जिसकी मरम्मत के लिए भी कई मिलीयन डॉलर का खर्चा आंका गया हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि अगले कुछ वर्षों तक देश में प्राकृतिक संतुलन सही रहता है तो ही इस देश की अर्थव्यवस्था अपनी पटरी पर आ सकती हैं।
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