क्यूबेक। आगामी 3 अक्टूबर को होने वाले क्यूबेक चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोर-शोर से आरंभ (Campaigning for Quebec election begins in full swing) कर दिया गया हैं, केवल पांच सप्ताह चलने वाले इस चुनावी प्रचार अभियान में राज्य की चार प्रमुख पार्टियां अपने-अपने प्रचार में जुट गई हैं। सीएक्यू प्रमुख फ्रान्सकोईस लेगाउल्ट ने इस बार भी अपना वर्चस्व अन्य विपक्षी पार्टियों पर बना रखा हैं, परंतु उन्हें भी इस बार अन्य पार्टियों से कड़ी चुनौती मिल रही हैं।
रविवार को आरंभ हुए प्रचार अभियान के पश्चात किए गए पोलस में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि इस बार किस पार्टी के सिर पर जीत का ताज सजेगा और कौन सी पार्टी दूसरे नं. पर होगी। इस बार के चुनावों में राज्य की प्रमुख चारों पार्टियां जिसमें क्यूबेक लिबरल पार्टी, क्यूबेक सोलीडायर, द कंसरवेटिव पार्टी ऑफ क्यूबेक और पार्टी क्यूबेकोईस शामिल हैं, इन पार्टियों में कांटे की टक्कर चल रही हैं और यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि कौन सी पार्टी इस बार का चुनाव जीतेगी।
ज्ञात हो कि वर्तमान में फ्रान्सकोईस की सरकार अपने चार वर्ष पूर्ण करके अपने कार्य से क्यूबेक वासियों के मध्य अपना वर्चस्व स्थापित कर चुकी हैं और सूत्रों की मानें तो इस बार भी जनता सीएक्यू को दोबारा मौका दे सकती हैं। परंतु अन्य पार्टियों का प्रचार अभियान देखते हुए सीएक्यू की जीत पर आशंका उत्पन्न हो रही हैं।
पिछले चार वर्षों में सीएक्यू द्वारा फ्रेन्च भाषा के आधार पर कार्य, सिविल सेवाओं में धार्मिक चिन्हों की सीमाएं सुनिश्चित करना जैसे विवादों के कारण भी सीएक्यू को कई समुदाय दोबारा नहीं चाहते। वहीं सीएक्यू का मानना है कि भाषा स्वतंत्रता के आधार पर ही उन्होंने वर्ष 2018 का चुनाव जीता था और अब जनता को यह तय करने दें कि कौन सी पार्टी उनके राज्य के विकास और उन्नति में सहयोग देगी और किससे इस राज्य की संस्कृति को भी बचाया जा सकेगा।
वहीं दूसरी ओर सीएक्यू द्वार कोविड-19 के महामारी काल में किए उत्तम कार्यों के कारण उन्हें दूसरा मौका देने पर भी जनता का एक वर्ग अपना मन बना चुका हैं। वहीं विपक्ष बार-बार सरकार द्वारा महामारी काल में अत्यधिक प्रतिबंधों की बात उठाकर सीएक्यू का बदनाम करने का प्रयास भी किया जा रहा हैं।
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