Military services and visa process : हिंद-प्रशांत रणनीति के अंतर्गत सैन्य सेवाओं और वीजा प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा
Military services and visa process will be increased under the Indo-Pacific strategy
Military services and visa process : टोरंटो। लिबरल सरकार द्वारा नई दीर्घकालीन हिंद-प्रशांत रणनीति का अनावरण गत रविवार को किया गया, इसके अंतर्गत भारत जैसे देशों के नागरिकों को सैन्य सेवाओं और संबंधित मुद्दों के क्रियान्वयण में सहयोग बढ़ाया जाएंगा। रणनीति के अंतर्गत 2.3 बिलीयन डॉलर की निवेश योजना को साकार किया गया हैं, जिसमें अन्य देशों के साथ-साथ पाकिस्तान से जापान तक सभी देशों के नागरिकों को कैनेडियन सैन्य सेवाओं और वीजा प्रक्रिया में छूट देकर प्रोत्साहित किया जाएंगा।
इस संबंध में विदेश मंत्री मैलानी जॉली (Foreign Minister Melanie Jolly) ने पत्रकारों को बताया कि अब विदेशियों को कैनेडा में वरिष्ठ सरकारी पदों के लिए चुना जाएंगा और उनके कौशल के अनुसार उन्हें विभिन्न पदों पर भी अवश्य ही स्थापित भी किया जाएंगा। ज्ञात हो कि वैनकुअर में आयोजित एक प्रैसवार्ता के दौरान विदेशमंत्री ने इस प्रैसवार्ता को संबोधित किया और कैनेडा द्वारा भविष्य में प्रारंभ किए जाने वाले अन्य कई योजनाओं पर भी प्रकाश ड़ाला।
कैनेडा ने अपनी नई हिंद-प्रशांत रणनीति दस्तावेज में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की योजना पर जोर दिया है। जिसमें भारत के साथ एक नए व्यापार समझौते की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता शामिल है। जो रणनीतिक, जनसांख्यिकीय क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र में नई दिल्ली के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है। कैनेडा ने हिंद-प्रशांत रणनीति दस्तावेज में कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र अगली आधी सदी में कैनेडा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही दस्तावेज में चीन को वैश्विक शक्ति के रूप में वर्णित किया गया है और अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों की अवहेलना के लिए एशियाई देश को फटकार लगाई गई है।
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26 पन्नों के दस्तावेज में कहा गया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के बढ़ते रणनीतिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय महत्व ने इस रणनीति के तहत कैनेडा के उद्देश्यों की खोज में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनाया है। रणनीतिक दस्घ्तावेज में व्घ्यापार और निवेश सहित बढ़ते आर्थिक संबंधों के साथ-साथ सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण में सहयोग भी शामिल है।
यह दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) को समाप्त करके भारत के साथ बाजार की पहुंच का विस्तार करना चाहता है। इस रणनीति का उद्देश्य व्यापार आयुक्त सेवा के भीतर एक कैनेडा-भारत डेस्क बनाना है, ताकि भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाले व्यवसायों और निवेशकों के लिए ईपीटीए के कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया जा सके।
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कैनेडा ने कहा कि वह नई दिल्ली और चंडीगढ़ में कैनेडा की वीजा-प्रसंस्करण क्षमता को मजबूत कर लोगों को आपस में जोड़ेगी। इसके अलावा कैनेडियन सरकार अकादमिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, युवा और अनुसंधान आदान-प्रदान का समर्थन भी करेगी। इस रणनीति में कहा गया है कि कनाडा और भारत में लोकतंत्र और बहुलवाद की साझा परंपरा है, जो एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और बहुपक्षवाद के लिए एक आम प्रतिबद्धता है। दस्तावेज के अनुसार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र अगली छमाही में कैनेडा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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