राजन समिति की रिपोर्ट से खुलेगा नए राजनीतिक गठजोड़ का रास्ता
नई दिल्ली -बिहार और ओडि़शा जैसे दस अल्पविकसित राज्यों को अतिरिक्त सहायता के लिए नया तरीका अपनाने के एक उच्चस्तरीय समिति के सुझाव के बाद अगले लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस के लिए जद-यू जैसे दलों के साथ तालमेल को नई दिशा मिलने की संभावना है।
पूर्व आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अगुवाई वाली समिति की रिपोर्ट वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सार्वजनिक की। इसमें राज्यों के लिए व्यापक विकास सूचकांक बनाने के बारे में सिफारिशें दी गई हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समिति की रिपोर्ट का स्वागत किया है।
पांच सदस्यीय समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि शुरुआत में यह रिपोर्ट कोष के आवंटन के बारे में है। केंद्र सरकार संभवत: अल्प विकसित राज्यों को कुछ अतिरिक्त सहयोग देना चाहेगी। 10 अल्प विकसित राज्यों को शुरुआत में अतिरिक्त सहायता के लिए लक्षित किया जा सकता है। ये अल्प विकसित राज्य वे हैं, जिन्हें बहु आयामी पिछड़ापन सूचकांक में फिलहाल 0.6 से अधिक अंक दिए गए है।
एमडीआई के आंकड़ों के आधार पर 10 सबसे अल्प विकसित राज्यों में ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। इन सिफारिशों के आधार पर संसाधनों के आवंटन से इन राज्यों को भी प्रभावी रूप से विशेष श्रेणी राज्य के दर्जा वाले राज्यों जैसा ही लाभ मिलने लगेगा। चितंबरम ने कहा है कि इस रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी और इसे अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस रिपोर्ट सिद्धान्तों के लिए बड़ी जीत बताया है। पिछड़े राज्यों के विकास के मसले पर चिदंबरम बिहार के मुख्यमंत्री के साथ तालमेल स्थापित कर पाए हैं। वह लंबे समय से अपने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस रिपोर्ट के बाद अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेंगे, कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी देश के राजनीति हालात पर आगामी 28-29 अक्टूबर को राजगीर में आयोजित चिंतन शिविर में चर्चा करेगी।
कुमार के अलावा ओडि़शा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक भी लंबे समय से अधिक कोष के लिए ओडिम्शा को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए अभियान छेड़े हुए हैं। समिति की रपट के मुताबिक 11 कम विकसित राज्यों में मणिपुर, पश्चिम बंगाल, नगालैंड, आंध्रप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, गुजरात, त्रिपुरा, कर्नाटक, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश हैं।
हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, केरल तथा गोवा को कुछ हद तक विकसित राज्यों की श्रेणी में रखा गया है। समिति की रपट में गरीब राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के लिये उन्हें विशेष श्रेणी का दर्जा देने संबंधी मानदंड को समाप्त कर राज्यों को तीन विभिन्न श्रेणियों में बांटने की वकालत की गई है। रपट में गोवा व केरल को सबसे ज्यादा विकसित राज्य और ओडिशा व बिहार को सबसे कम विकसित राज्य करार दिया गया है।
Comments are closed.