Mississauga Marathon : एक पिता ने रनिंग द्वारा अपने स्वर्गीय पुत्र को दी श्रद्धांजलि

Mississauga Marathon: A father pays tribute to his late son by running

Mississauga Marathon : मिसिसॉगा। 14 फरवरी, 2005 को डेविड हैरीस को दुनिया का सबसे बड़ा दु:ख मिला था, जब उसके मात्र 19 वर्षीय बेटे ने आत्महत्या कर ली थी, उसके बाद उन्होंने यही प्रण लिया था कि अपने पुत्र की याद में वह प्रत्येक मैराथन में भाग लेंगे और यहीं उनकी सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। हैरीस ने मीडिया को बताया कि वह हमेशा अपने बेटे कैमरॉन को याद करते रहते हैं और इस बार यह उनकी 19वां मिसिसॉगा मैराथन है। यह मैराथन उनके लिए बहुत खास इसलिए है क्योंकि यह उनके जीवन की 19वीं मैराथन हैं, जितने वर्ष का उनका पुत्र था, हैरीस ने यह भी बताया कि मिसिसॉगा हॉफ की टीम बहुत अधिक सहयोगी हैं, इसके अलावा उनके एक मित्र ईरीक विंडेलर ने भी एक संस्था बनाई जिसके पुत्र ने भी आत्महत्या कर अपनी जान गंवा दी थी, ने पिछले एक वर्ष में लगभग 1 मिलीयन डॉलर की राशि एकत्र की, जिससे उन लोगों की सहायता की जा सके जो अपने परिजनों के असमय चले जाने से कष्टमयी जीवन जी रहे हैं। इसके साथ-साथ हैरीस ने एक मानसिक सहायता केंद्र की भी स्थापना की हैं जो युवाओ को मानसिक समस्याओं से दूर रखने के लिए मदद करता हैं।

युवाओं में बढ़ती मानसिक समस्याओं के कारण इन दिनों उनकी आत्महत्याओं के केस भी बहुत अधिक बढ़ रहे हैं। उन्होंने अपने संगठन की सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि हमें पहली बार फादरÓस डे वाले दिन 5 हजार लोगों ने ‘फाइन्ड ए वे’ में भागीदारी ली, हम उन अभिभावकों की भी सहायता करते है जिनके बच्चों को मानसिक समस्याएं थी और उन्होंने आत्महत्या करके अपना जीवन समाप्त कर लिया हैं। मिसिसॉगा हाफ द्वारा आगामी रविवार 30 अप्रैल को इस मैराथन का आयोन किया जा रहा हैं। जिसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए mississaugahalf.ca पर जाएं और अधिक से अधिक Jack.org पर दान करें, इसका पंजीकरण भी खुला हैं जिसके लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

गौरतलब है कि मेंटल हेल्थ आजकल एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. सबसे बड़ी बात है कि मानसिक रोगों से पीड़?ित व्?यक्ति को पता भी नहीं चलता कि वह स्ट्रेस या डिप्रेशन की गिरफ्त में आ चुका है और धीरे-धीरे ये परेशानी उसे सुसाइड जैसे आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर कर देती है. ये जानकारी मानसिक रोगों से जूझ रहे लोगों ने खुद शेयर की है. देशभर में मेंटल हेल्थ से जूझ रहे लोगों के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर एक तिहाई कॉलर्स ने बताया है कि वे चिंता, अवसाद और आत्मघाती विचारों से जूझ रहे हैं । इसके साथ ही एनसीआरबी के आंकड़े भी बताते हैं कि 2020 के मुकाबले 2021 में आत्महत्याओं का प्रतिशत 7.2 फीसदी बढ़ा है ।

कैनेडा में नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदाता व फाउंडेशन का कहना है कि पिछले तीन महीनो में मेंटल हेल्थ से जूझ रहे कॉलर्स से की गई इस तरह की बातचीत लगभग 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वहीं पिछले 18 महीनों में उनसे संपर्क करने और सलाह लेने वाले लोगों में कम से कम एक तिहाई लोगों ने बताया कि वे चिंता, अवसाद और आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं और इस संकट से निपटने के लिए उन्होंने पहले से ही मनोवैज्ञानिक हेल्प मांगी है। इस बारे में हैरीस ने बताया, ‘कितना अजीब है कि 2022 में कैनेडा में हत्याओं और कोरोना वायरस से ज्यादा जानें आत्महत्या ने लीं, भले ही आज देश का हर मेडिकल छात्र मनोचिकित्सक बन रहे हो लेकिन हमारे पास मानसिक स्वास्थ्य संकट को हल करने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं ।Ó इसलिए संस्था दिन-प्रतिदिन यहीं प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक लोगों को इस समस्या से छुटकारा मिले और इसमें लाभ मिल सके।

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