Brampton News : वर्तमान स्थितियां डरा रही हैं : पील मेयरस
Brampton News: Current conditions are scary: Peel Mayors
Brampton News : ब्रैम्पटन। प्रांतीय अधिकारियों ने भी अपने ताजा बयान में माना कि इस प्रकार का संकट उन्होंने अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा, जीटीए में सैकड़ों शरणार्थी पील के शैल्टरों के बाहर देखें जा रहे हैं, जिसके पास इस समय उचित आवासीय सुविधा नहीं होने के कारण यह स्थिति पैदा हो रही हैं।
जानकारों का यह भी मानना है कि यदि जल्द ही केंद्र सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाती है तो भविष्य में यह स्थिति और अधिक भयावह हो जाएंगी। इस समय भी इस परिस्थिति को सुधारने के लिए 247 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य करना होगा, तभी स्थितियां सामान्य करने में मदद की जा सकेगी।
पील के आवासीय सेवा निदेशक अएलीन ब्रैड (Aileen Bradt, Peel’s Director of Residential Services) ने पत्रकारों को बताया कि ये शरणार्थी इस समय क्षेत्र के होटलों में निवास के लिए अत्यधिक संख्या में पहुंच रहे हैं और होटलों में इनकी स्थिति ओवरफ्लो हो रही हैं। गत दिनों कीनिया और पूर्वी अफ्रीका से आएं शरणार्थियों के कारण देश में आवासीय संकट और अधिक खराब हो रहा हैं। उन्होंने यह भी माना कि जल्द ही इस विषय पर सरकार को उचित कदम उठाने होंगे अन्यथा स्थिति दयनीय हो जाएंगी।
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ब्रैम्पटन मेयर पैट्रीक ब्राउन (Brampton Mayor Patrick Brown) ने भी अपने संदेश में इस ओर ध्यान दिलवाते हुए कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार के आला अधिकारियों से चर्चा करते हुए उन्हें बताया कि जल्द ही इस विषय पर कुछ नहीं किया गया तो, स्थितियां और अधिक बिगड़ जाएंगी, जिसे संभालना और अधिक कठिन होगा। स्टाफ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कीनिया से आएं अधिकतर शरणार्थियों के बच्चे भी पैदा होने वाले हैं, जिससे उस स्थिति में यह भी डऱ है कि मौजूदा संख्या में लगभग 52 प्रतिशत की वृद्धि आंकी जा सकती हैं।
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इस संबंध में गत जून में केंद्र सरकार ने 212 मिलीयन डॉलर की अनुदान राशि की घोषणा करते हुए कहा था कि फिलहाल इतनी अनुदान ही शरणार्थियों के लिए पारित किया जा सकता हैं, लेकिन बाद में स्थितियों की गंभीरता को देखते हुए अन्य 4000 शरणार्थियों के लिए 97 मिलीयन डॉलर का और अधिक अनुदान पारित किया गया, लेकिन मेयरों का मानना है कि यह अनुदान बहुत कम हैं और केंद्र सरकार को इस विषय पर और अधिक अनुदान के लिए विचार करना होगा और इसके लिए सभी को मिलकर मौजूदा संकट के हल हेतु कार्य करना होगा।
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