Toranto News : टोरंटो। यॉर्क रिजनल पुलिस द्वारा जारी ताजा बयान में माना गया कि 27 वर्षीय एक व्यक्ति को प्रदर्शन के दौरान अवैध रुप से हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया हैं। जानकारों के अनुसार क्लार्क एवैन्यू वेस्ट और साऊथ प्रोमेनेड में आयोजित एक रैली में कुछ प्रदर्शनकारी फलीस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, इस दौरान पुलिस को एक आपातिक कॉल पर सूचना दी गई कि इन प्रदर्शनकारियों में से एक के पास नेल गन हैं, जिसके कारण कोई भी अप्रिय घटना घट सकती हैं।
पुलिस ने फौरान प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर संदिग्ध को अपने कब्जे में लिया और अभी उससे इस संबंध में पूछताछ चल रही हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस मामले की जांच आरंभ कर दी गई हैं और पुलिस ने कई प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ आरंभ कर दी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि ये प्रदर्शनकारी केवल प्रदर्शन कर रहे थे या इनका इरादा कोई बड़ी अप्रिय घटना करने का था। पीडि़त ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारी ने एक बार अपने नेल गन का प्रयोग भी किया था, लेकिन इससे किसी को भी कोई चोट इत्यादि नहीं लगी, लेकिन सभी को यह ज्ञात हो गया कि प्रदर्शनकारियों में से एक के पास नेल गन हैं और यदि इन्हें रोका नहीं गया तो अवश्य ही कोई बड़ी घटना घट सकती हैं।
इस प्रदर्शन का आयोजन होम इन इजरायल रियल स्टेट ग्रुप द्वारा किया गया था। जिनके सदस्यों से भी विस्तृत तौर पर इस संबंध में पूछताछ चल रही हैं। आरोपी की पहचान 27 वर्षीय वाघन निवासी के रुप में की गई जिसका नाम रेउबेन अब्रामोव बताया जा रहा हैं। पुलिस ने अपने ताजा बयान में आम लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अब स्थानीय लोगों को डऱने की कोई आवश्यकता नहीं इस संबंध में सभी आरोपियों को पकड़ लिया गया हैं और जल्द ही जांच पूरी होने के बाद उचित कार्यवाही की जाएंगी, जिससे लोगों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं, इस संबंध में एक एड़वाइजरी भी जारी करते हुए भविष्य में प्रदर्शन आदि का आयोजन करने वालों को भी चेतावनी दी गई हैं कि इस प्रकार के कार्यों से बचे जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़े।
आरोपी का सैल फोन आदि भी जांचा जा रहा हैं और पूरे प्रदर्शन कार्यक्रम का वीडियो भी देखकर संबंधित जांच को पूरा किया जाएंगा। गत सप्ताह सोमवार को जारी औटवा पुलिस प्रमुख की रिपोर्ट में बताया गया कि इन उपद्रवियों को बचाने के लिए कुछ संगठन सामने आ रहे हैं और इन्हें क्षमा प्रदान करते हुए टिकट नहीं काटने के लिए प्रार्थना की जा रही हैं। संगठनों ने अपनी अपील में तर्क दिया था कि यह एक शांतिपूर्ण मार्च था। लेकिन यह पूर्णत: झूठ हैं और पुलिस को भ्रमित करने के लिए झूठे तर्क दिए जा रहे हैं। पुलिस का यह भी मानना है कि इस काफिले को आजादी के काफिले का रुप देने का प्रयास किया जा रहा था, जिसे समय रहते पुलिस ने नियंत्रित कर स्थिति को संभालते हुए कार्यवाही करने की बात को स्वीकारा हैं।
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