टोरंटो। वित्तमंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड ने बताया कि चीन के साथ पारदर्शी प्रतियोगिता के लिए कैनेडा को अपने आयात शुल्कों में बदलाव करना होगा, इसके लिए अब कैनेडा अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति के लिए उचित टैरिफों की घोषणा करेगा। इस संबंध में क्रिस्टीया और अंतरराष्ट्रीय ट्रेड मंत्री मैरी एनजी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि चीन निर्मित ईवी आदि के आयातों में वृद्धि करने से ही कैनेडियन इलेक्ट्रिक उत्पादों की मांग में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। इसके लिए कैनेडा के माध्यम से जो चीनी इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरियां अमेरिका और यूरोप आदि के अनेक शहरों में बेची जाएंगी, उनके मूल्यों में कुछ बढ़ोत्तरी संभव हो सकती हैं।
ज्ञात हो कि शंघाई फैक्टरी में निर्मित उत्पाद सबसे अधिक कैनेडा और टेस्लास आदि में बेचे जाते हैं और ये दोनों देश ही इन उत्पादों के सबसे बड़े खरीददार भी हैं। लेकिन भविष्य में अब इन चीनी उत्पादों के लिए ग्राहकों को अधिक शुल्क देना होगा, जिसका मूल कारण इन देशों में संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता और अन्य संबंधित कार्यों को पूरा किया जाता हैं।
वर्ष 2021 तक के आंकड़ों में यह बात मानी गई थी कि दुनिया की 80 प्रतिशत लीथीयम-आयन बैटरियों का निर्माण चीन में होता हैं, जिसमें से चीन 69 प्रतिशत अपने सभी उत्पादों को दुनिया के कई देशों में उचित दामों पर बेच देता हैं, जिसका मॉडीफाईड करके वे अन्य देशों में और अधिक दामों में बेच देते हैं। इस एकाधिकार को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इन उत्पादों की एक सुनिश्चित मूल्य निर्धारित किए और बैटरियों के अतरिक्त क्लीन एनर्जी उत्पादों जिसमें मुख्य रुप से सोलर सैलस आदि शामिल हैं को प्रयोग करने पर जोर दिया।
यूरोपीय संघ ने कथित तौर पर यूरोप में आयात किए जा रहे चीन निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर 38.1 प्रतिशततक के शुल्क लगा दिए हैं। इस कदम से बीजिंग के तीखे प्रतिशोध की उम्मीद की जा रही हैं। यह कदम अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के दौरान ईवी सहित विभिन्न चीन निर्मित उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद आया हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यूरोप में कारोबार करने वाली कई चीन ईवी कंपनियों को ईयू ने अधिकारिक रुप से शुल्क लगाने के बारे में सूचित किया है। लगया गया शुल्क हर कंपनी के लिए अलग-अलग हैं। जिसमें बीव्हाईडी इलेक्ट्रिक कारों का शुल्क 17.4 प्रतिशत, गीली इलेक्ट्रिक कार पर 20 प्रतिशत और एसएआईसी मॉडलों पर 38.1 प्रतिशत सुनिश्चित किया गया हैं। इन्हें आगामी 4 जुलाई से लागू किया जाएगा।
यूरोप का यह कदम चीनी ईवी कंपनियों को कथित रुप से चीनी सरकार से मिलने वाली सब्सिडी की जांच के कई हफ्तों बाद आया हैं ऐसा कहा जाता है कि इस सब्सिडी से चीनी ईवी ब्रांड लागत को नियंत्रण में रख सकते हैं। और फिर अपने उत्पादों को यूरोप में ऐसे दामों पर पेश कर सकते हैं, जो स्थानीय यूरोपीय ब्रांडों के बराबर इलेक्ट्रिक मॉडलों की कीमत की तुलना में कहीं ज्यादा प्रतिस्पर्धी हैं। हालांकि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेेयेन ने अधिकारिक तौर पर कहा है कि उन्हें डर है कि यूरोप के बाजारों में चीनी ईवी की बाढ़ आ जाएगी। चीन ने पहले ही जवाबी कार्यवाही की चेतावनी दे दी हैं। जिसमें बीजिंग यूरोप से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर शुल्क लगा सकता हैं।
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