ढाका : गृह मंत्री के आवास में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग

Dhaka: Protestors set fire to Home Minister’s residence

Dhaka: Protestors set fire to Home Minister's residence

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद ढाका के पॉश इलाके धानमंडी में देश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के आवास में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। यह जानकारी देते हुए ढाका ट्रिब्यून ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि मंत्री के आवास से धुआं उठ रहा है और वहां तोड़फोड़ की जा रही है।

असदुज्जमां खान ने देश में चल रहे छात्रों के प्रदर्शनों में जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा जमात-शिबिर और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की भूमिका होने का हवाला देते हुए उन पर पाबंदी लगा दी थी। इससे पहले दिन में, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, और देश को चलाने के लिए जल्द ही एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी।

राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, जमान ने नागरिकों से बांग्लादेश की सेना पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मी आने वाले दिनों में देश में शांति सुनिश्चित करेंगे। सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि वह भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने के लिए जल्द ही राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मिलेंगे।

इस बीच, खबराें में बताया गया कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के ढाका में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास में प्रवेश करने के बाद शेख हसीना “सुरक्षित स्थान” के लिए रवाना हो गईं। रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने और 1,000 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना मिली। देश के प्रमुख अखबार ‘द डेली स्टार’ ने बताया, तीन सप्ताह से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 300 से अधिक लोग मारे गए हैं।

मॉन्ट्रीयल आर्ट फेस्टीवल हुआ आरंभ

छात्रों के नेतृत्व में चल रहे प्रदर्शन ने प्रधानमंत्री हसीना के नेतृत्व वाली सरकार पर भारी दबाव डाला है। छात्र 1971 में खूनी गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को घटाकर पांच प्रतिशत करने के बाद, छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया, लेकिन भड़के प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने के उनके आह्वान को नजरअंदाज कर दिया। वे प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए।

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