
लंदन। सरीना नाहमाबिन को उस समय बहुत अधिक गौरव महसूस हुआ जब दो दर्जन से अधिक आदिवासी महिलाएं उसे बधाई देने पहुंची। इन महिलाओ ने इस प्रतियोगिता के जीतने पर उसे बधाई दी और अपने समाज में इस प्रकार के आयोजनों पर बहुत अधिक प्रसन्नता भी जाहिर की।
ज्ञान हो कि सरीना भी उन 26 महिला प्रतियोगियों में से एक हैं, जिसने मिस इन्डीजिनीयस कैनेडा में भाग लिया था। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि जीतना तो केवल एक प्रतियोगी को ही था, लेकिन उन्हें इस बात की बहुत अधिक प्रसन्नता है कि आज उनके समाज के बारे में भी सोचा जा रहा हैं और उसमें कई सार्थक बदलाव हो रहे हैं, जोकि विकास को दर्शा रहे हैं। आदिवासी महिलाएं भी अब अपने समाज में उदाहरण बन रही हैं।
पिछले माह देश में आयोजित मिस इन्डीजिनीयस कैनेडा के आयोजन के बाद उसके कई सपने पूरे हुए हैं और आज समाज में उसकी एक नई पहचान हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अपने बारे में बोलने के लिए केवल तीन मिनट दिए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि लंदन पुलिस प्रमुख थाई ट्रुओंग ने भी बहुत अधिक उत्साहित किया।
उन्होंने यह भी माना कि उनके समुदाय की महिलाओं की निर्मम स्थिति के कारण ही उन्होंने कमीश्नर पद के लिए आवेदन किया था, जिससे इसकी प्राप्ति कर वह आदिवासी समाज की महिलाओं ही नहीं अपितु पूरे देश की महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सके। महिलाओं की आवाज को ऊंचा उठाने के लिए एक कठोर आवाज की आवश्यकता हैं, जिसके लिए वह पूरा प्रयास करेंगी और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वर्तमान परिस्थितियों को हल करते हुए आने वाले समय में इन समस्याओं पर नियंत्रण प्राप्त करने का कार्य करेंगी।
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उन्होंने यह भी माना कि हमारे समाज के उत्थान हेतु यह बहुत आवश्यक था, जब कोई इस प्रकार की उपलब्धि की प्राप्ति कर पूरी दुनिया में अपने समुदाय का नाम प्रख्यात करता, इसके लिए चयनकत्र्ताओं ने मुझे चुना, यह जीत पूरे समाज की हैं जैसीका का यह भी कहना है कि यह जीत केवल उसकी नहीं बल्कि उसके पूरे समाज की हैं, जिन्होंने आज की दुनिया को बता दिया कि कैनेडियन आदिवासी समाज भी अब किसी से कम नहीं, अब समाज के उच्च वर्गों में उनकी तुलना भी होगी और आने वाली पीढिय़ां उन्हें अपना मैन्टोर मानकर उनका उदाहरण एक लक्ष्य के रुप में रखेंगी, जिससे उनका समाज भी समाज के वरिष्ठ वर्गों में शामिल हो सकेगा, जिसके लिए वह बचपन से प्रयास कर रही थी, कि उनका सामाजिक विकास जल्द हो और वे भी किसी लायक बन सके।
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