औटवा। केंद्र सरकार द्वारा गत मई में लागू की गई नई सार्वजनिक कर्मचारियों के प्रति नीति से नाराज अधिकारियों को मनाने की कवायद आरंभ कर दी गई हैं। आगामी 9 सितम्बर से उन्हें मनाकर काम पर वापस आने के लिए सुनिश्चित कर लिया जाएंगा। ज्ञात हो कि इस नीति के अंतर्गत सभी अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम दो दिन अवश्य आना होगा। केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों का कहना था कि वे अपने कार्य घंटों की अधिकता के कारण परिवार और काम में संतुलन नहीं बना पा रहे थे, जिसके कारण उनके कार्य दिवसों में कमी की जाएं।
अधिकारी अभी किसी भी मामले के लिए और अधिक समय ले सकते हैं जिससे वे शांत मन से उसे हल करने के लिए उचित कार्य कर सके। इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए प्राईवे काउन्सिल कार्यालय के उप क्लर्क क्रिस्टीयन फॉक्स ने बताया कि इस समय सार्वजनिक नीतियों की चुनौतियों को प्राप्त करना बहुत अधिक कठिन होता जा रहा हैं, जिसके कारण संबंधित कर्मचारी भी उचित इसे उचित प्रकार से हल करने में परेशान हो रहे हैं, इस समस्या को हल करने के लिए नियमों में संशोधन की योजना तैयार की हैं जिससे नाराज सिविल सर्वेन्टस जो इस समय कार्य पर नहीं आ रहे, उन्हें पुन: कार्य पर लौटाया जा सके।
सिविल सर्वेन्टों का कहना है कि मेहनत की तुलना में वेतन नहीं मिल रहा है। कई केंद्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने मीडिया को बताया कि उन्हें मेहनत के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा, जितना कार्य लिया जा रहा हैं उसकी तुलना में उन्हें बहुत कम वेतन दिया जा रहा हैं, इस बारे में भी सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करें, जिससे मानसिक तौर पर वे शांति के साथ कार्य कर सके और भावी सरकारी नीतियों को जनता के पास उचित रुप से पहुंचा सके।
वहीं गेटीन्यू की एक महिला अधिकारी ने कहा कि उन्हें कार्यालय में सप्ताह में केवल तीन दिन आना होता हैं, लेकिन कई बार घर से कार्य के दौरान उन्हें तकनीकी समस्याओं के कारण परेशानी होती हैं, इसके अलावा उन दिनों में उन्हें पार्किंग भुगतान, खाने का खर्चा और परिवहन संबंधी सभी खर्चे स्वयं वहन करने पड़ते हैं जिसके लिए भी योजना बनानी होगी।
केंद्र सरकार का मानना है कि सभी कर्मचारियों से उनके कार्य के अनुसार उन्हें वर्क टू हॉम की सेवाएं देने पर विचार किया जा रहा हैं, जिससे उचित प्रकार से कार्यों को संतुलित किया जा सके और कर्मचारियों पर कार्य का बोझ भी न बढ़े, जिससे उन्हें भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संकट का सामना करना पड़ सकता हैं।
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