चीन के टॉप इकोनॉमिस्ट झू हेंगपेंग महीनों से गायब

China's top economist Zhu Hengpeng missing for months

China's top economist Zhu Hengpeng missing for months
China’s top economist Zhu Hengpeng missing for months

चीन में एक सरकारी थिंकटैंक के एक टॉप इकोनॉमिस्ट पिछले कई महीनों से गायब हैं। उन्होंने कथित तौर पर एक निजी ऑनलाइन चैट ग्रुप में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की आलोचना की थी। 55 वर्षीय झू हेंगपेंग ने कथित तौर पर एक प्राइवेट वीचैट ग्रुप में चीन की इकोनॉमी और चीनी राष्ट्रपति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अज्ञात स्रोतों के हवाले से बताया कि अप्रैल में उन्हें हिरासत में लिया गया और जांच के दायरे में रखा गया।

झू ने प्राइवेट वीचैट ग्रुप में क्या लिखा, इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है, हालांकि हांगकांग के सिंग ताओ डेली ने कहा है कि उन्होंने ‘केंद्रीय नीतियों पर अनुचित तरीके से चर्चा की’। झू ने 20 से अधिक वर्षों तक चीनी एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज (कैस) में काम किया है। वह इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स के उप निदेशक और पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं।

झू ने अप्रैल में चीनी मीडिया आउटलेट कैक्सिन के एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। इसके बाद से उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। सिंघुआ विश्वविद्यालय में उनके काम से संबंधित वेबसाइट भी कथित तौर पर ऑफलाइन कर दी गई। वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा उनसे घर पर संपर्क करने के प्रयास कथित तौर पर असफल रहे। वहीं द गार्डियन डॉट कॉम ने 25 सितंबर को बताया कि कैस ने सवालों का जवाब नहीं दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक कैस में झू के पद से हटने के बाद संस्थान के वरिष्ठ पदों पर बदलाव हुआ, निदेशक और सचिव को भी उनके पदों से हटा दिया गया। सिंग ताओ डेली के मुताबिक उन दो अधिकारियों को फिर से नियुक्त किया गया, लेकिन झू को नहीं। अब वह कैस वेबसाइट पर लिस्टिड भी नहीं है।

कैस एक सरकारी रिसर्च थिंक टैंक है जो सीधे चीन की टॉप लीडरशिप को रिपोर्ट करता है। जानकार इसका ‘नेतृत्व का समर्थन करने के लिए पार्टी की विचारधारा तैयार करने वाली संस्था’ के रूप में वर्णन करते हैं।

चीन की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है। ऐसा आशंका जतायी जा रही है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी अपने तय लक्ष्य, 5% वार्षिक विकास दर, को प्राप्त नहीं कर पाएगी। हालांकि, शी को देश की अर्थव्यवस्था की तुलना में सत्ता पर अपनी और पार्टी की पकड़ को अधिक महत्व देते हुए देखा जाता है।

News Source Credit : samaylive.com

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