Brampton News : महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया, सिख नेताओं ने घटना की निंदा की
Statue of Maharaja Ranjit Singh damaged in Brampton, Sikh leaders condemn the incident
Brampton News : ब्रैम्पटन। गत दिनों ब्रैम्पटन में एक चौंका देने वाली घटना सामने आई, जिसमें सिख इतिहास में एक पूजनीय व्यक्ति महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को होसाम हमदान के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जिसकी पहचान एक फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारी के रुप में की गई हैं ब्रैम्पटन में किए गए इस कृत्य ने सिख नेताओं और व्यापक समुदाय के बीच आक्रोश को भड़का दिया हैें, और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की हैं।
भारत में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमित सिंह कालका ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह जी, सिख गौरव, वीरता और एकता के प्रतीक एक स्मारकीय व्यक्ति हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए, न कि इस तरह की अपमानजनक बर्बरता के अधीन होना चाहिए। असहिष्णुता का यह कृत्य शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और विविधता के सिद्धांतों पर सीधा हमला हैं, जो किसी भी सभ्य समाज का आधार है।
कालका ने आगे कहा कि कैनेडियन अधिकारी इस संबंध में शामिल कंट्टरपंथियों के खिलाफ तत्काल और निर्णायलक कार्रवाई करें। इस तरह के विभाजनकारी कृत्यों को फिर से होने से रोकने के महत्व पर जोर दिया। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंद्र ने भी सोशल मीडिया पर इस बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाई और इसे ”घृणित” कृत्य बताया। उन्होंने कहा कि सिख गौरव, बहादुरी और एकता के प्रतीक महाराजा रणजीत सिंह हमेशा ही सम्मान के हकदार हैं, न कि बर्बरता के, असहिष्णुता के ऐसे कृत्य शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर सीधा हमला हैं और नागरिक समाज में इनका कोई स्थान नहीं हैं। उ
न्होंने कैनेडियन संबंधित अधिकारियों से इस बर्बरता के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने के लिए कहा और नेताओं से भी इस संबंध में उचित कार्यवाही की मांग को दोहराया। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रीक ब्राउन ने भी इस घटना पर बोलते हुए कहा कि यह शहर की सीमा के भीतर नहीं हुआ हैं, लेकिन फिर भी जो हुआ वह बहुत निंदनीय हैं, इस प्रकार की घटनाओं को नहीं होने दिया जाना चाहिए था।
महाराजा रणजीत सिंह सिख इतिहास में एक सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्हें उनकी बहादुरी, नेतृत्व और दूरदर्शिता के लिए जाना जाता है। इस तरह के स्मारक को खराब करना सिख विरासत का अपमान हैं और सामुदायिक एकता को नष्ट करता हैं। मुझे उम्मीद है कि जहां भी ऐसा हुआ हैं, इन गुंडों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
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सिख साम्राज्य के संस्थापक और सिख वीरता और नेतृत्व के प्रतीक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को समुदाय के भीतर एकता और ताकता का प्रतीक माना जाता है। इस घटना से व्यापक निराशा फैल गई हैं और सिख नेताओं और राजनीतिक हस्तिायों ने न्याय की मांग की हैं। जैसे-जैसे जांच जारी हैं, दुनिया भर में सिख समुदाय एकजुटता के साथ खड़ा है और अपनी विरासत के लिए जवाबदेही और सम्मान की मांग कर रहा हैं।
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