भारतीय सरकार के एजेंटों ने पैट्रीक ब्राउन के कंसरवेटिव नेतृत्व वाले चुनाव प्रचार में हस्तक्षेप किया था : सोर्स
- वहीं पॉईलीव्रे के ऑफिस द्वारा जारी सूचना में यह स्पष्ट कहा गया कि इस बारे में उन्हें कोई अधिकारिक जानकारी नहीं
Ontario News : ओंटेरियो। एक बार फिर से विदेशी हस्तक्षेप का मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा हैं, गत दिनों एक प्रख्यात सर्वे कंपनी का मानना है कि वर्ष 2022 में होने वाले कैनेडियन चुनावों में जिसमें पैट्रीक ब्राउन कैनेडा की कंसरेवटिवस पार्टी के प्रमुख का नेतृत्व कर रहे थे, इनके चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भारतीय एजेंटों ने इसमें हस्तक्षेप करने का प्रयास किया था और इससे कैनेडियन आम चुनाव प्रभावित हुए।
मीडिया में दिए बयान में पीयरे पॉईलीव्रे ने इस संबंध में कोई भी प्रमाण नहीं होने की बात को भी स्वीकारा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित वर्ष में होने वाले चुनावों में कंसरवेटिव को पहले 68 प्रतिशत मत मिल रहे ोि, लेकिन कुछ समय पश्चात ही उन्हें कम वोट मिले जिससे वे यह चुनाव हार गए।
सूत्रों का यह भी आरोप हैं कि भारतीय एजेंटों के भारी दबाव के कारण ही ब्राउन को मतों की हानि हुई और वह यह चुनाव हार गए। चुनाव के दौरा भारत सरकार ने ब्राउन के समर्थन में अपना प्रचार बंद करने के लिए कहा गया, उन्हें किसी भी भारतीय सरकारी कार्यक्रम में बुलाने के लिए भी मना कर दिया, जिसके कारण उनकी ख्याति में खासा प्रभाव पड़ा।
इसके अलावा ब्राउन कैनेडा में किसी भी सदस्य को मैम्बरशिप कार्ड भी नहीं बेच सकते थे, जिसके कारण उनकी ख्याति में भी बहुत अधिक कमी आई। जानकारों का मानना है कि कैनेडा के बाज न्यूज संस्थान द्वारा जारी इस सूचना के आधार पर पिछले वर्ष इस बारे में जांच की गई थी कि देश में पिछले आम चुनावों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप था या नहीं, जबकि इसमें भारतीय हस्तक्षेप की पुष्टि से मना किया गया था।
गौरतलब है कि इस संबंध में जारी एक अन्य कैनेडियन एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कैनेडा के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों की आधिकारिक जांच से यह पता चला है कि भारत ने कैनेडा की राजनीति में हस्तक्षेप करने का प्रयास नहीं किया। जांच में पता चला कि 2021 के चुनावों की निगरानी कर रहे वरिष्ठ कैनेडियन अधिकारियों के एक पैनल को भारत द्वारा राष्ट्रीय चुनावों को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास का कोई सबूत नहीं मिला।
एक मतदान अधिकारी ने जांच पैनल को बताया, ‘मुझे विश्वास नहीं है कि 2021 के चुनाव के दौरान हमने भारत सरकार द्वारा अभियान में उन उपकरणों का उपयोग करने का कोई सबूत देखा। वहीं एक आधिकारिक जांच में गवाही के अनुसार, कैनेडियन खुफिया एजेंसी ने पाया कि चीन ने कैनेडा के पिछले दो चुनावों में हस्तक्षेप किया था।
सीएसआईएस द्वारा हाल ही में लगाए गए आरोपों के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान दोनों ने 2019 और 2021 में हुए कैनेडियन चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया था। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की लिबरल पार्टी ने 2019 और 2021 में हुए दोनों चुनावों में जीत हासिल की। चीन की संभावित भूमिका पर मीडिया रिपोर्टों से नाखुश विपक्षी विधायकों के दबाव में, ट्रुडो ने विदेशी हस्तक्षेप की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया। उन्हें आज जांच पैनल के समक्ष गवाही देनी है।