Mayor Patrick Brown : राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने विदेशी हस्तक्षेप मामले में पूछताछ आरंभ की
National Security Committee begins questioning Mayor Patrick Brown in foreign interference case
Mayor Patrick Brown : ब्रैम्पटन। एक बार फिर से ब्रैम्पटन के मयरे पैट्रीक ब्राउन विवादों के घेरे में फंस गए हैं। मीडिया के आंतरिक सूत्रों के अनुसार वर्ष 2022 में हुए पीसी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए आयोजित चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के रुप में ब्राउन द्वारा बड़े स्तर पर धांधली करवाई गई और स्वयं की जीत के लिए कई गड़बडिय़ां भी होने दी। जिसके कारण ही उन्हें इस चुनाव से अयोग्य करार देते हुए हटा दिया गया था।
वहीं मेयर पैट्रीक ब्राउन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया हैं और उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि इस प्रकार से वे विदेशी हस्तक्षेप करवाकर यह चुनाव लड़ते तो अवश्य ही जीत जाते, लेकिन इस चुनाव में जीत पीयरे पॉइलीव्रे की हुई। उन्होंने केंद्रीय लोक सुरक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी द्वारा अपनी जांच में इसी बात को मुख्य मुद्दा बनाते हुए कहा कि वे हमेशा से स्पष्ट राजनीति में विश्वास रखते हैं और इस प्रकार से उन्हें हर बार राजनैतिक दांव पेंच से फंसाया जाता हैं, जिसके बाद वह सभी मामलों से निष्पक्ष बाहर आ जाते हैं।
उन्होंने इस मामले पर खेद जताते हुए कहा कि उन पर अपने ही देश में इस प्रकार के आरोप लगाएं जा रहे हैं जोकि असहनीय हैं। इस मामले की उचित जांच हो और उनके ऊपर आरोप लगाने वालों पर ही कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे भविष्य में कोई प्रतिद्वंदी आपस में ही इस प्रकार के कार्यों को करने से बचे। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने संसदीय समिति के सामने अपनी गवाही में दावा किया है कि 2022 में कंजर्वेटिव पार्टी के लीडरशिप चुनाव में किसी तरह का विदेशी हस्तक्षेप नहीं था।
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ब्राउन इस बार भी मेयर पद के उम्मीदवार हैं। मेयर ब्राउन ने कंजर्वेटिव लीडरशिप चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों की जांच कर रही संसदीय समिति के समक्ष अपने बयान में साफ कहा कि 2022 के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की कोई भूमिका नहीं थी। इस चुनाव में नेता पियरे पोइलीवरे ने पहले ही दौर में 68 प्रतिशत मतों से जीत हासिल की थी। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक रिपोर्ट में इशारों इशारों में लीडरशिप कैंपेन पर भारत के प्रभाव का संकेत दिया गया था।
हालांकि ब्राउन ने अपनी गवाही के दौरान भारत को लेकर जताई जा रही चिंताओं का समाधान किया और कहा कि चुनाव के अंतिम नतीजों पर किसी तरह का विदेशी हस्तक्षेप नहीं था।
इससे पहले गवाही देने से इनकार कर चुके ब्राउन का कहना था कि वह संसद में पक्षपातपूर्ण विवादों में अपने आपको नहीं घसीटना चाहते थे। गवाही देने के समन पर ब्राउन ने सोशल मीडिया पर कहा था कि उनके पास ऐसा कोई नया सबूत नहीं है, जिससे जांच में मदद मिले। ब्राउन ने अपनी गवाही में कहा लीडरशिप रेस के दौरान भारत सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने उनसे या उनकी टीम से संपर्क नहीं किया था। उनके ऊपर किसी तरह का विदेशी दबाव नहीं था।
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दिलचस्प तथ्य ये है कि 2022 में पैट्रिक ब्राउन को कैंपेन फाइनेंसिंग से संबंधित आरोपों की वजह से कनाडा चुनाव अधिनियम के तहत उम्मीदवारी के अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस इस साल की शुरुआत में चुनाव आयोग ने तय किया था कि वह पैट्रिक ब्राउन के खिलाफ अपनी जांच जारी नहीं रखेगा।