ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद टैरिफों में बदलाव से मनीटोबा उद्योगों पर पड़ सकता हैं गहरा प्रभाव

Changes in tariffs after Trump's inauguration could have a deep impact on Manitoba industries

– मनीटोबा ब्यूरो ऑफ सांख्यिकी के अनुसार मिनीटोबा ने वर्ष 2023 में अमेरिका के साथ अनुमानित 15.5 बिलीयन डॉलरस की वस्तु और सेवाओं का निर्यात किया गया

Changes in tariffs after Trump's inauguration could have a deep impact on Manitoba industries
Changes in tariffs after Trump’s inauguration could have a deep impact on Manitoba industries

Toranto News : टोरंटो। रिक प्रेजेट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में माना कि गत 30 साल से अधिक मनीटोबा के अधिकतर उत्पादक अमेरिका के साथ व्यापार पर आर्शित हैं, लेकिन 20 जनवरी के बाद जब अमेरिका द्वारा कैनेडा पर निर्यात शुल्कों में 25 प्रतिशत की टैरिफ बढ़ोत्तरी को सुनिश्चित कर दिया गया हैं, ये सभी व्यापारी व उत्पादक बहुत अधिक प्रभावित हो जाएंगे। इन टैरिफस का सबसे अधिक प्रभाव मनीटोबा के किसानों पर पड़ेगा। यहीं नहीं नॉटरे-डेम-डी-लॉउरडेस, दक्षिणपश्चिम विनिपेग के कई कृषि क्षेत्रों में इस सूचना से हड़कंप मचा हुआ हैं।

अध्यक्ष मनीटोबा पॉर्क ने भी माना कि प्रांत की अनुमानित 40 प्रतिशत कृषि उत्पाद अमेरिका के ऊपर आधारित हैं। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी प्रेजेट का कहना है कि वे दक्षिणी सीमाओं से आने वाले लाईव एनीमलस पर पांच प्रतिशत शुल्क वसूलते हैं जिसके अंतर्गत आठ मिलीयन सुअरों की आवश्यकता में से तीन मिलीयन सुअरों का उत्पादन ही अमेरिका में हो पाता हैं, इसकी अतिरिक्त खपत अन्य देशों से जैसे कैनेडा और मैक्सिको से की जाती हैं। लेकिन इन देशों से पशुओं के निर्यात के नाम पर भारी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी होने के कारण यह आदेश जारी किया गया हैं।

कैनेडियन उत्पादन व निर्यात संघ के उपाध्यक्ष टैरी शॉ का कहना है कि इस टैरिफ वृद्धि को बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा, वहीं देश में रोजगार को भी संतुलित रखने में समस्याएं उत्पन्न होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे क्षेत्र के सैकड़ों लोग इसी शीपमेंट कार्यों से जुड़े हुए हैं और अत्यधिक मूल्य बढ़ोत्तरी के कारण कई लोगों को कार्यों से मुक्त करना होगा, वहीं कई अन्य पर कार्य का बोझ बढ़ाना होगा। जिससे कार्य संतुलन भी बिगड़ सकता हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि पहले से ही देश में व्यापारिक मंदी चल रही हैं, इससे अभी तक उभरा नहीं गया हैं। वहीं ऊपर से इस प्रकार के विवादित फैसलों से मनीटोबा और संबंधित कृषि क्षेत्रों में बहुत बुरा प्रभाव पडऩे की आशंका जताई जा रही हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति उनकी बात नहीं मानते तो भी हमें इस कठिन दौर में घबराना नहीं चाहिए और अपनी सूझबूझ से देश के व्यापार को एक नई राह देने की आवश्यकता हैं, इसलिए उन्होंने इस बैठक में जुटे 12 अन्य प्रीमियरों से भी शांति के साथ इस समस्या का हल खोजने के लिए समय मांगा, उनके विचार से सभी प्रीमियरों को एकजुट होकर वर्तमान चुनौतियों का सामना करने का समय आ गया हैं।

जानकारों ने यह भी कहा कि अमेरिकी टैरिफ के कारण देश में इतनी अधिक अराजकता फैलने का मूल कारण प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की गलत नीतियों के कारण वैश्विक असफलता भी हैं, जिसके कारण उनकी बातों को डोनाल्ड ट्रंप ने अधिक गंभीरता से लिया ही नहीं, इस कारण से कैनेडा इतनी बड़ी समस्या का जन्म हुआ, लेकिन अभी भी उचित कार्य योजनाओं को तैयार करने से आगामी वित्तीय परिस्थितियों को सुचारु करने के लिए एक अलग ही हिम्मत मिलेगी।

सूत्रों ने यह भी माना कि इस टैरिफ की वास्तविकता को समझना होगा और इसके मूल रुप के अनुसार कीमतों में बदलाव को भी कैनेडियनस को समझाना होगा। इस अचानक घोषित किए टैरिफ के कारण ओंटेरियो के कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति पर संकट उत्पन्न हो सकता हैं, जिसमें मुख्य रुप से न्यूयॉर्क, मिचीगन और माईनेसोटा के अनुमानित 1.5 मिलीयन घर हैं, जिन्हें आगामी वर्ष में बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता हैं।

ट्रंप ने आगे कहा कि वह 1 फरवरी को टैरिफ लागू करने के बारे में सोच रहे थे। इससे पहले सोमवार को, ट्रंप ने अमेरिकी श्रमिकों और परिवारों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी व्यापार प्रणाली में तुरंत बदलाव शुरू करने की कसम खाई थी। ट्रंप ने अपने भाषण में आगे कहा, ‘दूसरे देशों को समृद्ध करने के लिए अपने नागरिकों पर कर लगाने के बजाय, हम अपने नागरिकों को समृद्ध करने के लिए विदेशी देशों पर शुल्क और कर लगाएंगे।

क्यों लगाया जाता टैरिफ? आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, मेक्सिको, कनाडा और चीन संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से आयातित वस्तुओं के प्रमुख स्रोत हैं। टैरिफ के बारे में पूछे जाने पर, ट्रम्प ने ओवल कार्यालय में संवाददाताओं से इससे पहले कहा था कि वह इसे लागू कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा, ‘हम अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं।’ अमेरिकी आयातकों की तरफ से विदेशों से खरीद पर सरकार को टैरिफ का भुगतान किया जाता है, और आर्थिक भार आयातकों, विदेशी आपूर्तिकर्ताओं या उपभोक्ताओं पर पड़ता है।

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