ओंटेरियो। ओंटेरियो का चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका हैं, लगभग एक सप्ताह दूर मतदान के लिए प्रतिद्वंदी अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। आगामी 27 फरवरी को होने वाले इस चुनाव के लिए सभी मुख्य पार्टियां अपने-अपने प्रयासों में लगी हुई हैं। इस चुनाव के लिए केवल ग्रीन पार्टी ने ही अपना प्लेटफॉर्म जारी किया, जबकि शेष सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं।
इस चुनाव में प्रोगरेसीव कंसरवेटिवस के उम्मीदवार लिबरलस के विवादित पोस्ट पर सवाल उठा रहे हैं और संबंधित उम्मीदवार को चुनाव प्रक्रिया से बाहर होने के लिए विवश कर रहे हैं। वहीं लिबरलस एनडीपी के मतदाताओं को भी प्रभावित करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं सोमवार को आयोजित डिबेट में भी बोनी क्रोम्बी ने जमकर डग फोर्ड को घेरा, उन्होंने इसके अलावा एनडीपी के समर्थकों से कहा कि अब समय आ गया हैं कि एनडीपी की भ्रातियों में न फंसे और राज्य में एक सुचारु स्वास्थ्य व्यवस्था कायम करने के लिए अपना योगदान दें। जमकर प्रचार के बाद भी लिबरलस अभी भी सर्वे में पीछे हैं।
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गौरतलब है कि वर्तमान रिसर्च के मुख्य डाटा वैज्ञानिक निक नैनोस का कहना हैं कि हमारी शोध रिपोर्ट में नाममात्र त्रुटि हो सकती हैं अन्यथा उनकी सर्वे रिपोर्ट सभी को चैका रही हैं और बाद की परिस्थिति के लिए भी सभी आश्चर्य में हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि अभी भी 39.7 प्रतिशत ओंटेरियो वासी पीसी पार्टी के समर्थन में खड़े हैं, जबकि लिबरलस को 28 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त हैं तो दूसरी ओर एनडीपी को 17.1 प्रतिशत और ग्रीन पाटी्र के लिए अनुमानित 2.2 प्रतिशत लोगों ने ही अपनी रजामंदी दर्शाई, प्राप्त आंकड़ों के बाद एक बार फिर से चुनाव की स्थितियां बदल सकती हैं।
जानकारों का यह भी मानना है कि ओंटेरियो का चुनाव मुख्य रुप से दो पार्टियों के मध्य में हैं और वे ही प्रोग्ररेसीव कंसरवेटिवस और लिबरलस, ओंटेरियनस भी अपना नया प्रीमियर इन दो पार्टियों में से एक को चुनेंगे। ज्ञात हो कि 27 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए युवाओं द्वारा अपना मतदान किसे करें, इस बात का गहन चिंता हैं, जिसके लिए कई जागरुक अभियान भी आरंभ कर दिए हैं।
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नैनोस की सर्व में इस बात का भी खुलासा किया जा रहा हैं कि आगामी 27 फरवरी को एक बार फिर से चुनाव प्रक्रिया में 36.2 प्रतिशत पीसी पार्टी, 34.3 प्रतिशत लिबरलस और 24.5 प्रतिशत एनडीपी को मिलना तय माना जा रहा हैं, लेकिन चिंता का गहन विषय यह है कि लिबरलस की ख्याति में लगातार कमी आ रही हैं, जिससे लिरबलस खेमें में उथल-पुथल हो रही हैं।