औटवा। विदेश मंत्री मेलानी जौली ने वर्तमान व्यापारिक हलचलों के कारण अब यूरोपीय देशों से बात की, गत दिनों उन्होंने अपने ताजा बयान में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बाद इस समय वर्तमान व्यापारिक स्थितियां बिगडऩे की संभावना से अब कैनेडा भी अपने नए उत्पादक देशों के साथ बातचीत कर रहा हैं।
इसी श्रेणी में कैनेडियन विदेश मंत्री मेलानी जौली ने कई यूरोपीय देशों से टेलीफोनिक वार्ता करना आरंभ कर दिया हैं। ज्ञात हो कि विदेश मंत्री मेलानी जौली ने पूर्व में जी-7 में रुस की वापसी के प्रस्ताव का भी विरोध किया था। लेकिन जब से डोनाल्ड ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया, तभी से कैनेडा ने अमेरिका के अलावा अन्य देशों से वार्ता आरंभ कर दी हैं।
जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 में रुस की वापसी का स्वागत किया था। लेकिन अब जब स्थितियों में परिवर्तन देखा जा रहा हैं तो अनुमान हैं कि कैनेडा भी अपना समर्थन कई अन्य यूरोपीय देशों को दे सकता हैं। वर्तमान व्यापारिक स्थितियों को देखते हुए यूरोपीय देशों ने भी माना कि भविष्य में औद्योगिक चुनौतियां और अधिक बढऩे वाली हैं, इसके लिए आत्मनिर्भर होना बहुत अधिक आवश्यक हैं और अमेरिकी निर्भरता को कम करना होगा।
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बुसेल्स में आयोजित बैठक में जौली ने फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम से महत्वपूर्ण वार्ता को अपनी योजना में शामिल किया था और गत 14 से 16 फरवरी को जर्मनी के म्युनिच में हुई सुरक्षा सभा में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस सभा में अमेरिकी और यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों के साथ अहम चर्चा की गई और यूक्रेन के साथ शांतिवार्ता पर कई अहम प्रशन उठाएं गए।
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जौली ने यह भी माना कि गत दिनों जब वह अमेरिकन सीनेटरों से मिली तो उन्होंने इस विषय पर उचित प्रकार से बातचीत नहीं की थी, जिसके कारण उन्हें अच्छा नहीं लगा, उन्होंने कहा कि यह कोई मजाक नहीं जिसके कारण अमेरिकी प्रतिनिधि इसे गंभीरता से नहीं देख रहे।