ओंटेरियो चुनाव में एक बार फिर से समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान हेतु प्रयासों की मांग उठी

Ontario elections once again demand for efforts for upliftment of weaker sections of the society

– पील प्रांत में ब्लूप्रींट के ताजा सर्वे ने अपनी रिपोर्ट में माना कि अभी भी प्रांत की गैर-लाभकारी संस्थाओं को राज्य सरकार द्वारा उतना फंड नहीं मिलता, जितनी उन्हें आवश्यकता हैं।

Ontario elections once again demand for efforts for upliftment of weaker sections of the society
Ontario elections once again demand for efforts for upliftment of weaker sections of the society

Ontario Elections 2025 : मिसिसॉगा। ओंटेरियो चुनाव अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए हैं, इस बार फिर से सभी वर्ग अपने-अपने अनुसार नई सरकार से मांग कर रहे हैं, जहां एक ओर स्वास्थ्य संबंधी, मंहगाई, आवास और सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे उठाएं जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सामाजिक वित्तीय मजबूती को भी लेकर संबंधित संगठनों ने आवाज उठाई हैं। राज्य के 100 से अधिक गैर-लाभकारी संस्थाओं ने माना कि राज्य सरकार द्वारा उन्हें उतना फंड मुहैया नहीं करवाया जाता, जितनी आवश्यकता होती हैं।

राज्य के कमजोर वर्ग के उत्थान हेतु ये एजेंसियां निरंतर कार्यों में लगी रहती हैं, लेकिन इन्हें उचित वित्तीय लाभ नहीं मिलने के कारण कई संस्थाएं अब बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। इस संबंध में ब्लूप्रींट द्वारा करवाएं गए अपने ताजा सर्वे में यह बात स्पष्ट की गई और बताया गया कि पील प्रांत के बड़े शहरों में प्रत्येक डॉलर की आवश्यकता हैं लेकिन उन्हें 50 सेंटस से भी कम मिलते हैं। पील प्रांत में टोरंटो और औटवा जैसे बड़े शहरों में सामाजिक सेवाओं के लिए इस बार चुनाव में प्रतिद्वंदियों से यहीं मांग की जा रही हैं कि वे ऐसी योजनाएं बनाएं जिससे सामाजिक संस्थाओं को वित्तीय लाभ पहुंचे।

पिछले वर्षों में इन संस्थाओं को उचित लाभ नहीं मिलने के कारण ये संस्थाएं बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं, जिससे कमजोर वर्गों के उत्थान हेतु समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। प्राप्त आंकड़ों में यह भी स्पष्ट किया गया कि गत वर्षों में पूरे प्रांत के लिए 868 मिलीयन डॉलर से भी कम की राशि मुहैया करवाई गई।

ज्ञात हो कि इस चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार ने यह अवश्य माना कि सामाजिक उत्थान किसी भी राज्य की प्रगति के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा, जिसके लिए सामाजिक सेंवाओं को बढ़ाना अत्यंत आवश्यक हैं। गौरतलब है कि इस चुनाव में प्रोगरेसीव कंसरवेटिवस के उम्मीदवार लिबरलस के विवादित पोस्ट पर सवाल उठा रहे हैं और संबंधित उम्मीदवार को चुनाव प्रक्रिया से बाहर होने के लिए विवश कर रहे हैं।

वहीं लिबरलस एनडीपी के मतदाताओं को भी प्रभावित करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं सोमवार को आयििोजत डिबेट में भी बोनी क्रोम्बी ने जमकर डग फोर्ड को घेरा, उन्होंने इसके अलावा एनडीपी के समर्थकों से कहा कि अब समय आ गया हैं कि एनडीपी की भ्रातियों में न फंसे और राज्य में एक सुचारु स्वास्थ्य व्यवस्था कायम करने के लिए अपना योगदान दें। जमकर प्रचार के बाद भी लिबरलस अभी भी सर्वे में पीछे हैं।

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गौरतलब है कि वर्तमान रिसर्च के मुख्य डाटा वैज्ञानिक निक नैनोस का कहना हैं कि हमारी शोध रिपोर्ट में नाममात्र त्रुटि हो सकती हैं अन्यथा उनकी सर्वे रिपोर्ट सभी को चैका रही हैं और बाद की परिस्थिति के लिए भी सभी आश्चर्य में हैं। सामाजिक संस्थाओं को यह भी कहना है कि कमजोर वर्गों के लिए लक्जरी लाईफ के स्थान पर उनकी मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही उचित कार्य किया जाएं, इतना ही इस समाज की प्रगति के लिए पर्याप्त होगा। जिसके लिए भावी प्रीमियर या संबंधित पार्टियों से जनता चाहती हैं।

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