मोबाईल फोन से बात करने के दौरान होने वाली कॉल ड्रॉप की समस्या को रोकने हेतु नयी तकनीक का विकास
टोरंटो, कैनेडा के वैंकूवर में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के छात्र शोधकर्ताओं तथा उनके एक दल ने मिलकर एक ऐसी तकनीक का विकास किया है जो कि मोबाइल फोन से बात करने के दौरान आमतौर पर आने वाली कॉल ड्रॉप की समस्या को रोकने में सक्षम है। इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा 11 अक्टूबर 2013 को प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी। कॉल ड्रॉप की समस्या को रोकने में सक्षम इस तकनीक को खोजने वाली मेई हसन तथा उनके पर्यवेक्षकों के दल के द्वारा खोजी गयी तकनीक के माध्यम से किसी भी सेल्यूलर प्रणाली पर क्षमता से अधिक भार पडऩे की स्थिति में टेलीविजन एवं रेडियो चैनल्स को सेल्यूलर संकतों को प्रेषित करने के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। यह उस विशेष परिस्थिति के लिए काफी लाभदायक हो सकता है जबकि किसी भी नेटवर्क पर भार अधिक होने से कॉल ड्रॉप अर्थात फोन कट जाने की समस्या आती है।
मेई हसन यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के इलेक्ट्रिकल एवं कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में पीएचडी की एक छात्रा हैं। उनके पर्यवेक्षकों में भारतीय मूल के विजय भार्गव भी शामिल हैं जो कि इसी विभाग में कार्यरत हैं।
दूरसंचार के क्षेत्र में डीसीआर दो फोन उपयोगकर्ताओं के मध्य हो रहे बातचीत के दौरान तकनीकी कारणों से संपर्क टूट जाता है या कॉल हैंग-अप हो जाती है। डीसीआर की गणना सभी फोन कॉल्स के प्रतिशत के माध्यम से की जाती है। डीसीआर सेल्यूलर फोन ऑपरेटरों के द्वारा अपनी क्षमता के एक प्रदर्शक (केपीआई) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह 0।1त्न से लेकर कुछ प्रतिशत तक होती है। डीसीआर की सबसे न्यूनतम दर तारों से जुड़े फोन प्रणाली में 0।1त्न होती है।
डीसीआर के प्रमुख कारणों में शामिल है – रेडिया कवरेज की कमी (डाउनलिंक या अपलिंक), दो उपभोक्ताओं के मध्य रेडियो व्यवधान, नेटवर्क प्रणाली की कम क्षमता, नेटवर्क प्रणाली पर क्षमता से अधिक भार, आदि।
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