दिल्ली फतह के लिए चेहरा बदलने में जुटी भाजपा
नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ मामूली बढ़त को भाजपा निर्णायक जीत तक पहुंचाने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए पार्टी मुख्यमंत्री घोषित करने से दुविधा से निकलने की कोशिश कर रही है। पार्टी का एक बड़ा तबका हर्षवर्द्धन को मुख्यमंत्री घोषित करने का पक्षधर है, ताकि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को करारा जवाब दिया जा सके। पर विजय गोयल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहते हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री के रूप में घोषित करने पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उलझ गया है। यह फैसला अब 20 अक्टूबर को संभावित भाजपा संसदीय बोर्ड के लिए टाल दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का बड़ा तबका मान रहा है कि विजय गोयल का चेहरा विधानसभा चुनाव में भाजपा को निर्णायक बढ़त तक पहुंचाने में आड़े आ रहा है। इस कारण कांग्रेस से खफा वोटरों का बड़ा तबका भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर पहली बार चुनावी मैदान में उतरी ‘आप’ के साथ जाता दिख रहा है। आप अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल भाजपा नहीं बल्कि विजय गोयल की शख्सियत पर लगातार प्रहार कर रहे हे हैं। भाजपा का बड़ा तबका सोच रहा है कि ऐसे में यदि हर्षवर्द्धन जैसे ईमानदार छवि वाले नेता को आगे किया जाए तो कांग्रेस विरोधी वोटर भाजपा के साथ एकजुट हो सकते हैं। लेकिन हर्षवर्द्धन को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने की राह इतनी आसान नहीं है। खतरा है कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में विजय गोयल और उनके समर्थकों के भितरघात से पार्टी को ज्यादा नुकसान हो सकता है।
पिछले तीन महीने में विजय गोयल को मनाने की तमाम कोशिशों के नाकाम होने के बाद भाजपा नेतृत्व अब दो टूक फैसले के लिए तैयार हो रहा है। इस संबंध में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं से इस सिलसिले में सलाह-मश्विरा के बाद भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के प्रभारी नितिन गडकरी ने पार्टी की संसदीय बोर्ड पर फैसला छोड़ रखा है।
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