ईरान परमाणु कार्यक्रम : बातचीत से बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं
जेनेवा,ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर विश्व की प्रमुख छह शक्तियों और ईरानी अधिकारियों के बीच होने वाली बातचीत में किसी बड़े परिवर्तन की संभावना नहीं है लेकिन दोंनों पक्षों ने आगे बढऩे का भरोसा जताया है।
लगभग एक दशक से चल रहे गतिरोध पर जेनेवा में होने वाली दो दिन की बातचीत के लिए दोनों पक्षों ने भरोसा व्यक्त किया है कि इसमें ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर विश्व की छह शक्तियों के साथ बातचीत का प्रारूप तय किया जा सकता है।
इस बातचीत में ईरान के साथ अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन. चीन और जर्मनी हिस्सा लेंगे। इसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बने गतिरोध को समाप्त करना है।
ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। दूसरी ओर ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नागरिक उद्देश्यों के लिए है।
अमेरिका और उसके सहयोगियों का कहना है कि ईरान को अपने शब्दों को कार्रवाई में बदलना चाहिए। वार्ता में हिस्सा ले रहे एक अधिकारी ने कहा है कि हम पहले दौर की ओर बढ़ रहे हैं। पहले कदम के तौर पर ईरान को अपने कार्यक्रम पर रोक लगानी होगी। इससे इस मुद्दे पर आगे बढऩे में मदद मिलेगी। अमेरिका और पश्चिमी देशों का कहना है कि ईरान को अपने यूरेनियम सवंर्धन का कार्यक्रम रोक देना चाहिए और परमाणु इट्वधन के भंडारों को समाप्त करना चाहिए।
उधर ईरान का कहना है कि देश पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए। इसके कारण ईरान का तेल निर्यात पिछले दो वर्ष के दौरान 60 प्रतिशत घट गया है और मुद्रा, रियाल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आधी रह गयी है। ईरान के विदेशमंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने फ्रांस यात्रा के दौरान एक टेलीविजन चैनल पर कहा कि मैं मानता हूं कि बहुतसा काम किया जाना बाकी है। हमने कुछ प्रगति की है लेकिन बातचीत में शामिल कुछ देशों में ईरान के प्रति संदेह बना हुआ है।
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