भारतीय मूल के अमेरिकी युवक ने जीता चुनाव
न्यूयॉर्क ,राजनैतिक परिदृश्य में उभरते हुए भारतीय मूल के अमेरिकी और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार राज मुखर्जी ने न्यूजर्सी के स्टेट असेंबली चुनावों में जीत हासिल की है। मुखर्जी सदन के लिए चुने गए सबसे कम उम्र के लोगों में से एक हैं।
29 वर्षीय मुखर्जी जर्सी शहर के उपमहापौर रह चुके हैं और पहली बार 33वें लेजिस्लेटिव डिस्ट्रिक्ट के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बने हैं। मुखर्जी ने जून में हुए प्राथमिक चुनावों को 36 अंकों के अंतर से जीता है।
हडसन काउंटी में काउंटी क्लर्क के कार्यालय के अनुसार, मुखर्जी को 18,586 वोट मिले हैं और वे लेजिस्लेटिव डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसमें होबोकन, यूनियन सिटी, वीहॉकन और जर्सी शहर के कुछ हिस्से शामिल हैं।
मुखर्जी भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवासी पिता के पुत्र हैं और उन्हें राजनैतिक परिदृश्य में शानदार जीत मिली है। राज मुखर्जी फॉर असेंबली वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मुखर्जी ने हाईस्कूल और ग्रेजुएशन स्कूल के दौरान एक बंधनमुक्त नाबालिग की तरह खुद को संबल दिया, जब उसके माता-पिता को आर्थिक तंगी के कारण भारत लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
इनके पिता असीम मुखर्जी एक अकाउंटेंट थे जो स्वास्थ्य से जुड़े कारणों की वजह से काम नहीं कर सकते थे और बिना रोजगार के वे स्वास्थ्य-कवरेज का खर्च नहीं उठा सकते थे। मुखर्जी के बारे में वेबसाइट पर उपलब्ध निजी जानकारी के अनुसार, इस अनुभव ने राज की सोच और हेल्थकेयर के क्षेत्र में उनकी रुचि को आकार देकर इस क्षेत्र की हिमायत करने की प्रेरणा दी।
मार्च 2012 से जून 2013 तक मुखर्जी जर्सी शहर के दो उपमहापौरों में से एक रहे हैं। जर्सी शहर न्यूजर्सी का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। मुखर्जी ने अपने मिडल स्कूल के दौरान एक इंटरनेट कंसल्टिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी भी खोली थी, जिसे बाद में उन्होंने एक बड़ी तकनीकी कंपनी को बेच दिया।
11 सितंबर को शहर में हुए हमलों के बाद मुखर्जी 17 साल की उम्र में अमेरिकी नौसेना में शामिल हो गए, वहां उन्होंने मरीन कॉर्प्स रिजर्व की सैन्य खुफिया सेवा में काम किया। 19 साल की उम्र में वे लोककार्यों से जुड़ी एक कंपनी के सहसंस्थापक बने। इसे उन्होंने राय की तीसरी सबसे बड़ी वकील-लॉबी की कंपनी बनाया और स्टेट हाउस की आंतरिक कार्यवाहियों को सीखा।
इनके क्लाइंट सामाजिक न्याय से लेकर उच शिक्षा के संस्थान, सरकारी एजेंसियों से लेकर फार्च्यून 500 निगम तक थे। मुखर्जी ने न्यूजर्सी में मौत की सजा खत्म करके उसकी जगह बिना पैरोल के उम्रकैद लगाने की वकालत की। उन्होंने समलैंगिकों और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए समानता की वकालत की।
24 साल की उम्र में मुखर्जी को जर्सी सिटी हाउसिंग अथॉरिटी में सबसे छोटी उम्र का आयुक्त और अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वहां विभिन्न सुधारों की दिशा में किया गया उनका काम बहुत सराहा गया।
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