नेहरू कश्मीर में सेना भेजने से बच रहे थे : आडवाणी
नई दिल्ली. देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की विरासत पर सियासत जारी है। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अब नया राज खोला है। उन्होंने लिखा कि 1948 में कश्मीर में कबाइली पहुंच गए थे। लेकिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सेना भेजने के आदेश नहीं देना चाहते थे। तब पटेल हावी हुए और सेना को कश्मीर भेजा गया। इससे पहले आडवाणी ने पांच नवंबर को कहा था कि हैदराबाद में सेना भेजने के मुद्दे पर नेहरू ने पटेल को ‘पूरी तरह सांप्रदायिक’ कहा था। आडवाणी ने नए ब्लॉग में वरिष्ठ पत्रकार प्रेमशंकर झा के सैम मानेकशॉ (तत्कालीन कर्नल) से इंटरव्यू का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा, ‘महाराजा हरिसिंह ने कश्मीर के भारत में विलय पर हस्ताक्षर कर दिए थे। लॉर्ड माउंटबेटन ने उसके बाद कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी। इसमें नेहरू, पटेल और रक्षा मंत्री बलदेव सिंह मौजूद थे।’
आडवाणी ने लिखा, ‘मानेकशॉ ने सेना को कश्मीर भेजने का सुझाव दिया। तब नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र, रूस, अफ्रीका, ईश्वर सहित सभी का नाम लिया। लेकिन सीधे-सीधे सेना भेजने पर कुछ नहीं बोले। तब पटेल भड़क गए। उन्होंने कहा, ‘जवाहर, आप कश्मीर चाहते हैं या नहीं?’ नेहरू बोले, ‘इसमें कोई शक नहीं है। मैं कश्मीर चाहता हूं।’ तब पटेल ने कहा ‘कृपा करके आदेश दो।’ उनके कुछ बोलने से पहले ही पटेल मानेक शॉ की ओर पलटे। उनसे कहा कि अब तुम्हें आदेश मिल गया है। उसके अगले ही दिन भारतीय सेना को कश्मीर भेजा था।’
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