मोदी पर कैनेडा की नीति अमेरिका से जुदा

steटोरंटो ,भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर अमेरिका के पूर्वाग्रह हो सकते हैं लेकिन कैनेडा को गुजरात से कारोबारी रिश्ते कायम करने में परहेज नहीं है। यह कहना है भारत में कैनेडा के उचायुक्त स्टीवर्ट जी.बेक का। बकौल बेक, मोदी और गुजरात को लेकर हमारी नीति अमेरिका से बिल्कुल अलग है। वह खुद कई मौकों पर मोदी से मिल चुके हैं। दो बार वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम में शिरकत कर चुके हैं।
चार वर्षो में कैनेडा के तीन मंत्री मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। पिछले वाइब्रेंट गुजरात में कैनेडा का दल सबसे बड़े प्रतिनिधिमंडलों में एक था।
गुरुवार को राजधानी के दौरे पर आये बेक से हुई खास बातचीत में दैनिक जागरण ने उनसे पूछा कि क्या अमेरिका की तरह कैनेडा भी मोदी को वीजा न जारी करने का पक्षधर है? इस पर उन्होंने कहा कि मोदी ने कैनेडा के वीजा के लिए अब तक आवेदन नहीं किया है। जब वह करेंगे तब इस मसले को देखा जाएगा। कैनेडा से कम अवधि का वीजा हासिल करने में भारतीयों को आ रहीं दिक्कतों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वैसे तो हमारी वीजा नीति में कुछ बदला नहीं है लेकिन हम अपनी नीति की समीक्षा कर रहे हैं। समीक्षा की रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में फैसला किया जाएगा। तीन वर्षो में कैनेडा ने तीन वर्षीय पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए भारत के लगभग 38 हजार विद्यार्थियों को वीजा जारी किया है।
बकौल बेक, कृषि प्रधान उप्र को कैनेडा खाद्य प्रसंस्करण, अनाज भंडारण और पशुपालन के क्षेत्र में तकनीकें मुहैया करा सकता है। सौर व पवन ऊर्जा, दूरसंचार, अवस्थापना खासकर सडक़ निर्माण के क्षेत्रों में भी निवेश की गुंजायश है। कम्युनिटी कॉलेजों के जबर्दस्त नेटवर्क के चलते कैनेडा उप्र में कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा के क्षेत्र में भी निवेश की संभावना देखता है। हालांकि उप्र सरकार को उनकी नसीहत भी है। उनका कहना है कि निवेश के लिए उप्र को अन्य भारतीय रायों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। उप्र सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि निवेशकों को सिंगल विंडो के जरिये जरूरी मंजूरियां हासिल हो सकें। भूमि अधिग्रहण के मसले आड़े न आयें। बिजली और सडक़ की कनेक्टिविटी भी उपलब्ध हो।

आरडीएसओ और आइआइएम से रिश्तों में दिलचस्पी
कैनेडा के उचायुक्त ने लखनऊ में अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के महानिदेशक और भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ के निदेशक से मुलाकात की। वह चाहते हैं कि आरडीएसओ डीजल रेल इंजन को लिक्विफाइड नेचुरल गैस चालित में बदलने के लिए कैनेडा की तकनीक का इस्तेमाल करें। इससे रेल इंजन के लिए सस्ता और साफ ईधन मिल सकेगा। वहीं आइआइएम लखनऊ के साथ इन्नोवेशन में इंटरप्रेन्योरशिप, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व और सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्रों में अकादमिक साझेदारी का इरादा है।

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