सचिन की नहीं मिस्बा-उल-हक की तारीफ करे पाकिस्तानी मीडिया : पाकिस्तानी तालिबान
इस्लामाबाद ,पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन्स सचिन तेंडुलकर की उपलब्धियों के सामने नतमस्तक हैं। सचिन की विदाई की धूम अब तक पूरी दुनिया में गूंज रही है। और तो और भारत के चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान ने भी सचिन को बधाई संदेश भेजा। लेकिन, पाकिस्तानी आतंकवादियों को सचिन की यह लोकप्रियता रास नहीं आ रही है।
पाकिस्तानी तालिबान के एक प्रवक्ता ने एक विडियो जारी कर पाकिस्तानियों से कहा, वे सचिन की तारीफ न करें क्योंकि वह भारतीय है। गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय क्रिकेटर सचिन ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला था। संन्यास के कुछ ही घंटों बाद सचिन को भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया था।
विडियो में 2 हथियारबंद आतंकियों के साथ दिखाई दे रहे इस कमांडर का कहना है, पाकिस्तानी मीडिया सचिन की तारीफ करना बंद करे, क्योंकि वह एक भारतीय है। यह बहुत बुरा है कि पाकिस्तानी मीडिया सचिन की तारीफ में अखबारों के पन्ने रंग रहा है, पाकिस्तानी टीवी पर भी सचिन ही छाए हुए हैं।
विडियो संदेश में उसने आगे कहा, पाकिस्तानियों को सचिन की बजाय मिस्बा-उल-हक की तारीफ करनी चाहिए। भले ही मिस्बा इस समय बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हो, लेकिन पाकिस्तानी होने के नाते हमें उसकी ही तारीफ करनी चाहिए। हम पाकिस्तानी मीडिया के इस कदम की निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। यह वतनियत के खिलाफ है।
सचिन के संन्यास के ऐलान के बाद से पाकिस्तानी अखबारों ने सचिन की जमकर तारीफ की थी। कहा जा रहा है कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान में यह पहला मौका था जब पाकिस्तानी मीडिया ने किसी भारतीय स्टार की इतनी तारीफ की।
पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली अंग्रेजी अखबार डॉन ने सचिन की तारीफ करते हुए लिखा था कि यह करीब 25 सालों के शानदार करियर का अंत है। अखबार के अनुसार 1989 में कराची, पाकिस्तान से अपने करियर की शुरुआत के बाद मास्टर ब्लास्टर ने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा और रेकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी।
हालांकि, पाकिस्तानी तालिबान कमांडर की इस धमकी को पाकिस्तानी मीडिया ने कोई खास तवजो नहीं दी है। पाकिस्तान के एक सीनियर जर्नलिस्ट आमिर गौरी ने कहा कि यह विडियो पाकिस्तानी तालिबान के बेवकूफाना पक्ष को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि आए दिन निर्दोष पाकिस्तानियों के खून से होली खेलने वाले तालिबानी अब खुद को देशभक्त साबित करने पर तुले हुए हैं। उन्हें शायद पता नहीं कि अब इस देश में फौजी हुकूमत नहीं है, जो उनकी हर बकवास को माना जाएगा।
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