भारतीय मूल के सौमिल बंद्योपाध्याय ने जीता इनजेनुइटी पुरस्कार

वाशिंगटन। नैनो तकनीक में क्रांति लाने के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी युवा सौमिल बंद्योपाध्याय को इनजेनुइटी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। सौमिल की नैनो तकनीक से ऑटोमोबाइल क्षेत्र से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान तक के क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी।
हाल ही में मेसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लेने वाले सौमिल उन दस लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने दूसरे अखिल अमेरिकी इनजेनुइटी अवार्ड के लिए चुना गया है। १८ वर्षीय सौमिल को उनके मौलिक आविष्कार ‘इंफ्रारेड रेडिएशन डिटेक्टर’ के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह डिटेक्टर विज्ञान, असैन्य व सैन्य प्रोजेक्ट्स में बहुत ही वाजिब कीमत पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
स्मिथसोनियन पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी सेना इस डिटेक्टर में पहले ही अपनी दिलचस्पी जाहिर कर चुकी है। पोस्टल स्टैंप की तरह दिखने वाला इंफ्रारेड डिटेक्टर बारूदी सुरंगों को ढूंढने और ग्लोबल वार्मिग के प्रभावों का पता लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस उपकरण की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी भी तापमान पर रखा जा सकता है। इसे सक्रिय रखने के लिए मंहगी लिक्विड नाइट्रोजन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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