भ्रष्ट देशों की सूची में भारत 94वें स्थान पर

भारत दुनिया के सबसे अधिक भ्रष्ट देशों की सूची में ९४वें स्थान पर है। सबसे साफ छवि के देशों में डेनमार्क व न्यूजीलैंड हैं, जबकि सोमालिया सबसे भ्रष्ट देश के रूप में उभरा है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस सूची में भारत के स्थान में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन ब्रिक्स :ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका: देशों के बीच भारत की स्थिति खराब हुई है। भ्रष्टाचार के मामले में चीन (८०वें), दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील (दोनों ७२वें) स्थान पर भारत से बेहतर स्थिति में है। वहीं रूस की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है। रूस इस सूची में १२७वें स्थान पर है। १७७ देशों की यह सालाना सूची ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने तैयार की है।
सूची के अनुसार, शून्य से १०० के मापक पर भारत ने ३६ अंक अर्जित किए हैं। शून्य अंक का मतलब है कि कोई भी देश बेहद भ्रष्ट है, जबकि १०० अंक का मतलब है कि कोई देश बेहद साफ सुथरा है। हालांकि, कोई भी देश १०० अंक हासिल करने में सफल नहीं रहा। शीर्ष पर रहने वाले डेनमार्क व न्यूजीलैंड दोनों को ९१-९१ अंक मिले। वहीं सोमालिया, दक्षिण कोरिया व अफगानिस्तान के साथ सबसे भ्रष्ट देशों में है। इन तीनों देशों को मात्र ८ अंक हासिल हुए। इन तीन देशों से कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले देशों में सूडान, लीबिया, इराक, उज्बेकिस्तान, सीरिया, हैती, वेनेजुएला, जिम्बाब्वे तथा म्यांमा हैं।
वहीं भ्रष्टाचार के मामले में साफ सुथरे देशों में डेनमार्क व न्यूजीलैंड के बाद फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया व कनाडा शीर्ष दस में शामिल हैं। अन्य प्रमुख देशों में जर्मनी १२वें, ब्रिटेन १४वें, हांगकांग १५वें, जापान १८वें और अमेरिका १९वें स्थान पर हैं।
भारत का प्रदर्शन पड़ोसी देश पाकिस्तान (१२७), थाइलैंड (१०२), मेक्सिको (१०६), मिस्र (११४), नेपाल (११६), वियतनाम (११६), बांग्लादेश (१३६) व ईरान (१४४) से बेहतर रहा है। इन १७ देशों में से दो-तिहाई ५० से कम अंक हासिल कर पाए। यह सबसे भ्रष्ट व सबसे स्वच्छ देश के बीच का बिंदु है।

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