लोगों को अवैध रूप से अमेरिका लाने पर भारतीय दंपति गिरफ्तार

borgol11न्यूयॉर्क। अमेरिका में अवैध रूप से भारतीयों को लाने और उनसे कम मेहनताने पर अधिक समय तक अपने रेस्त्रां में काम कराने के आरोप में एक भारतीय दंपति को गिरफ्तार किया गया है। संघीय अभियोजकों ने केंटुकी से गिरफ्तार भारतीय मूल के अमृत लाल पटेल (४६ वर्ष) और उनकी पत्नी दक्ष बेन पटेल पर अनधिकृत रूप से विदेशियों को लाने, रखने और रोजगार देने का आरोप लगाया है। एक बयान में बताया गया है कि यह दंपति लेक्सिंगटन में चार सबवे रेस्त्रां चलाता है। इनमें बिना दस्तावेज वाले भारतीयों से दिन के १० से १२ घंटे पूरे सप्ताह कम भुगतान पर काम कराया जाता था।
सहायक अमेरिकी अटार्नी हैदी हॉकिन्स ने कहा कि इससे पटेल दंपति को वित्तीय लाभ हुआ। अभियोजकों को संदेह है कि यदि दंपति को रिहा कर दिया जाता है तो वे भारत भाग सकते हैं। हालांकि बचाव पक्ष के वकील ने अपनी दलील में कहा कि वे देश छोड़ कर नहीं जाएंगे क्योंकि उनका व्यवसाय और उनके दो बच्चे यहां हैं।
यह दंपति २००६ में भारत से इस उम्मीद में अमेरिका आया था कि उसे यहां की नागरिकता मिल जाएगी।
भारत को परमाणु दायित्व कानून में सुधार करना चाहिए: कनाडा
कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा है कि अगर भारत चाहता है कि विदेशी कंपनियां बड़े पैमाने पर निवेश करे ताकि देश के परमाणु ऊर्जा उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सके तो उसे अपने असैन्य परमाणु दायित्व कानून में सुधार करने की जरूरत है।
कनाडा के महा वाणिज्य दूत रिचर्ड बैले ने यहां सप्ताहांत में आयोजित एक परमाणु सम्मेलन से इतर पीटीईई से कहा कि जिस तरह से असैन्य परमाणु दायित्व कानून में दायित्व तय किया गया है, वह वैश्विक मानकों से भिन्न है और अगर इसमें संशोधन नहीं किया जाता तो भारत में बड़े पैमाने पर किसी आपूर्तिकर्ता का आना मुश्किल होगा।
कानून के मुताबिक किसी परमाणु संयंत्र के किसी संचालक :जो अभी तक सिर्फ एनपीसीआईएल है: को नुकसान के लिए 1,500 करोड़ रुपये तक का भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि, इसमें संचालक के लिए मदद मांगने के अधिकार का प्रावधान भी है। यदि करार में लिखा हो तो संचालक विनिर्माता और आपूर्तिकर्ता से दायित्वों की मांग कर सकता है।
अधिकतर आपूर्तिकर्ता, चाहे वे घरेलू हों या अंतरराष्ट्रीय, इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या वे किसी परमाणु आपदा की स्थिति में 1,500 करोड़ रुपये तक के दायित्व का निर्वाह कर पाएंगे।

 

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