मैं इस्तीफा नहीं दूंगा : गांगुली
कोलकाता। इंटर्न छात्रा के साथ यौन शोषण आरोपों का सामना कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके गांगुली ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से इन्कार किया है। मंगलवार को इस बाबत सवाल पूछे जाने पर जस्टिस गांगुली भडक़ उठे। उन्होंने कहा कि ‘वह जो भी करना होगा करेंगे। लेकिन मीडिया के एक भी सवाल का जवाब नहीं देंगे और न ही आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे।’ इस बीच जस्टिस गांगुली ने विश्व मानवाधिकार दिवस पर कलकत्ता हाई कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
यौन उत्पीडऩ मामले की जांच के लिए गठित उच्चतम न्यायालय की समिति द्वारा जस्टिस गांगुली पर लगे आरोपों को सही ठहराये जाने के बाद से उनके इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। इस पर संवाददाताओं ने उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से भी इन्कार किया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्विटर पर टिप्पणी करते हुए विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर गांगुली से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने लिखा कि ‘आज संयुक्त राष्ट्र विश्व मानवाधिकार दिवस है। लेकिन उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली यौन अपराध में आरोपी होने के बाद भी बंगाल मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। महोदय, कृपया अपने कार्यालय का उपहास ना उड़ाएं।’ इससे पहले तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी भी राष्ट्रपति को दो बार पत्र लिखकर जस्टिस गांगुली के इस्तीफे की मांग कर चुकी हैं।
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