आम आदमी पार्टी का जनमत संग्रह हास्यास्पद: जेटली
नई दिल्ली : राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से कराए जा रहे जनमत संग्रह को `हास्यास्पद` बताया। जेटली ने रविवार को कहा कि `आप` अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को जनमत संग्रह का मुखौटा पहनाने की कोशिश कर रही है और किसी से समर्थन न लेने के अपने पूर्व बयान से पलट रही है। जेटली ने रविवार को अपने फेसबुक खाते पर लिखा, `आप ने कहा था कि वह वैकल्पिक राजनीति का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने अपनी प्रतिबद्धताओं से समझौता कर लिया है।`
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाद `आप` 28 सीटें जीतकर राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन किसी भी पार्टी को जनता ने सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में आठ सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी ने `आप` को सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की है।
जेटली ने कहा, `आप आदर्शो पर चलने वाली पार्टी होने का दावा करती है। `आप` ने पहले कहा था कि वह कांग्रेस और भाजपा दोनों को न तो समर्थन देगी और न ही समर्थन लेगी।` जेटली ने आगे कहा कि यदि `आप` अपने वादे पर अडिग रहती तो दिल्ली में फिर से विधानसभा चुनाव कराना पड़ता। उन्होंने आगे कहा कि सभी जगहों के विभिन्न विचारों वाले लोग पूछ रहे हैं कि क्या `आप` सरकार बनाएगी?
जेटली ने आगे कहा, `..आश्चर्यजनक तरीके से जनमत संग्रह के आंकड़े आए हैं, जिसमें 30 फीसदी से भी कम लोगों ने `आप` को चुनाव में जाने के लिए कहा है, जबकि 75 फीसदी लोगों ने `आप` को सरकार बनाने के लिए कहा है।` जेटली ने हालांकि यह भी कहा कि चुनाव में `आप` प्रदर्शन निश्चित रूप से उल्लेखनीय है और यह उसके `गुपचुप और व्यवस्थित` प्रचार अभियान का नतीजा है।
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