अफगानिस्तान छोड़ने से पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन मिशन को खतरा
न्यूयॉर्क. इस साल अफगानिस्तान से अमेरिका अपनी सेना हटा रहा है। इसके बाद पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन मिशन खतरे में पड़ जाएगा। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ड्रोन लगातार हमले करते रहे हैं। अमेरिकी सेना हटने के बाद उसे वे हवाई अड्डे खाली करने होंगे जहां से ड्रोन उड़ान भरते हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अमेरिका को सीआईए के ड्रोन अड्डों से भी हटना होगा। इसलिए क्योंकि सैनिकों के हटने के बाद ड्रोन विमानों की रक्षा के लिए सैनिक नहीं बचेंगे। वैकल्पिक ठिकाने पाकिस्तान की सीमा से बहुत दूर होंगे। इस संबंध में न्यूयॉर्क टाइम्स ने गुप्तचर सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
पाकिस्तान बना रहा है छोटे बम
अमेरिकी गुप्तचर मानते हैं कि पाकिस्तान इन दिनों छोटे परमाणु बम बना रहा है। अमेरिकी सैनिकों के हटने के बाद से अफगानिस्तान व पाकिस्तान में अलकायदा तथा तालिबान के आतंकी हावी हो जाएंगे। इससे ये हथियार भी आतंकियों के हाथों में जा सकते हैं। इसीलिए अमेरिकी गुप्तचरों ने पाकिस्तान के हथियारों पर नजर रखने के लिए इंतजाम पर काफी मोटी रकम खर्च की है।
अफगानिस्तान पर हो सकता है तालिबान का कब्जा:
अमेरिकी सेना के हटने के बाद अफगानिस्तान की सरकार कमजोर हो जाएगी। वहां तालिबान का फिर कब्जा हो सकता है। ठीक वैसे ही जैसे उसने 1996 से 2001 के बीच किया था।
तब अफगानिस्तान पर तालिबान का ही शासन था। विश्लेषकों का मानना है कि इस साल के अंत तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान की सुरक्षा का जिम्मा स्थानीय सरकार को सुपुर्द कतर देगी। उसके बाद चाहे हालात कितने भी खराब हों अमेरिकी सरकार मदद के लिए नहीं आएगी।
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