ओंटारियो चुनाव : एन.डी.पी. द्वारा बजट के खिलाफ वोट करने की चेतावनी
ओंटारियो,ओंटारियो में म्यूंसिपल चुनावों का बिगुल पहले ही बज चुका है। यह चुनाव तय समय पर 27 फरवरी को होंगीं। पर लगता है कि इन चुनावों से पहले ही ओंटारियो के राज्य चुनाव हो जाएंगे।
ओंटारियो की अल्प संख्यक सरकार द्वारा मार्च माह या अप्रैल के शुरू में इस साल का बजट पेश किया जाना है। इस बजट में बेशक प्रीमियर कैथलिन विन ने टोरंटो एवं हमिल्टन में ट्रेफिक की समस्या का समाधान करने के लिए बनाई गई ट्रांजिट परियोजना के आने वाले खर्च को गैस पर अतिरिक्त टैक्स, सडक़ों पर टोल एवं अन्य लेजिस लगा कर इक्_ा करने का इशारा किया है।
प्रीमियर के इस इशारे पर सख्त स्टैंड लेते एन.डी.पी. नेता ऐंड्रे हॉर्वथ ने प्रीमियर को पत्र लिख कर चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मध्यवर्गिया परिवरों के अतिरिक्त टैक्स का बोझ डालने की कोशिश की तो वे सरकार के बजट का समर्थन नहीं करेंगे। फलस्वरूप सरकार गिर जाएगी और चुनाव होने तैय हैं।
वहीं विपक्ष एवं पी.सी. के नेता टिम ह्यूडक पहले ही चुनाव के लिए उतावले हो रहे हैं। टिम ह्यूडक के बारे में कहा जा रहा है कि उनके नेता होते पी.सी. पार्टी कोई भी बड़ा काम नहीं कर सकी है। अब तक हुए जिमनी चुनावों में भी पी.सी. पार्टी ने लिबरल को कोई बड़ा झटका नहीं दिया है। अगर कोई जिमनी चुनाव में जीत हुई भी है तो वो सीटें पहले ही टोरियों के पास ही थीं।
एन.डी.पी. द्वारा जो धमकी सरकार को दी गई है उसके पीछे हाल ही में हुए दो जिमनी चुनावों के नतीजे हैं। इनमें से एक थॉर्नहिल की सीट पी.सी. ने जीती है जो पहले ही पी.सी. के पास थी जबकि दूसरी नियाग्रा फाल्स की सीट एन.डी.पी. ने लिबरल से छीनी है। लिबरल से सीट छीने जाने के बाद ही एन.डी.पी. को लग रहा है कि दोनों पार्टियों से लोगों का शायद उनकी और अधिक हुआ है। अगर आज चुनाव होते हैं तो एन.डी.पी. को लगता है कि वह शायद अल्प संख्यक सरकार ही बना लें। इससे पहले हुए जिमनी चुनावों में भी एन.डी.पी. का वोट बैंक बढ़ा है।
पिछले साल जब एन.डी.पी. ने बजट पास करने में सरकार की सहायता की थी और सरकार बचाने में योगदान डाला था तो उस वक्त पार्टी के पास ऐसे हिम्मत बढ़ाने बाले नतीजे नहीं थे। इस बार लगता है कि शायद एन.डी.पी. ह्यूडक की पी.सी. पार्टी के साथ मिल कर लिबरल सरकार गिराने का मन बना चुकी है। इसबार अगर लिबरल सरकार ट्रांजिट सिस्टम के लिए लोगों पर किसी भी तरह का बोझ डालती है तो एन.डी.पी. इस मुद्दे पर अधारित हीसरकार के बजट के विरोध में वोट डालेगी।
इस बार एन.डी.पी. सरकार के सामने बजट पास करने के लिए पिछली बार की तरह कोई शर्त रखने के नहीं बलकि पार्टी ने सरकार गिराने का पक्का मन बना लिया है। एन.डी.पी. को यह भी लगता है कि अगर सरकार इस साल बच गई तो शायद अगले साल तक उनकी पार्टी फिर नीचे न चली जाए और लिबरल अपने घोटनों को लोगों के दिमाग में से निकालने में कामयाब न हो जाए।
जहां तक पी.सी. पार्टी का संबंध है वो तो पिछले दो वर्षो से इसी ताक में है कि कब गिरे। वो तो बिना देखे ही हर बार लिबरल के बजट के विरोध में वोट डालने का ऐलान कर देते हैं। शायद पार्टी नेता ह्यूडक को लगता है कि अगर चुनाव एक साल आगे हो जाते हैं तो उन पर पार्टी के अंदर से ही पद छोडने का दबाव बढ़ सकता है। इस लिए वे जल्द से जल्द दो हाथ करके एक ओर करना चाहते हैं। अल्प संख्यक सरकार बनने पर भी ह्यूडक की शाख बच सकती है पर अगर कोई भी सरकार नहीं बनती तो ह्यूडक का पद छोडना तैय होगा। पार्टी के कई बड़े नेता ह्यूडक से तंग आ कर अगले चुनाव न लडऩे का ऐलान कर चुके हैं। इनमें पिटर शरमान, ह्यूडक के विपरीत नेतागिरी के चुनाव लड़ चुके दो बड़े नेता फं्रैक कलीज एवं रेडी हिलियर भी शामिल हैं।
लिबरल प्रीमियर कैथलिन विन अपनी पार्टी के जिमनी चुनाव में हुए हालत के मद्देनजर इन चुनावों को एक साल और टालना चाहते हैं पर किसी भी सूरत में नहीं। वो लोगों को एक प्रभाव भी नहीं देना चाहते कि वे चुनावों से डरते हैं और हर साल किसी न किसी पार्टी के आगे झुक कर चुनाव टाल जाते हैं। इसबार प्रीमियर विन भी एक और करने के पक्ष में हैं।
Comments are closed.