पासवान का सियासी दांव, मोदी पर दिखाई नरमी, कांग्रेस से भी बातचीत जारी
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले देश की राजनीति में भारी उथल-पुथल का दौर है। मोदी पर कभी गरम रहने वाले लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान ने अब नरमी दिखाई है। पासवान के एनडीए में शामिल होने को लेकर सियासी अटकलों का बाजार गरम है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन पर बढ़ रहे अटकलों के बीच लोजपा के ही एक सीनियर नेता ने कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना अभी भी जिंदा है। पार्टी महासचिव अब्दुल खालिक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अभी कुछ भी खत्म नहीं हुआ है। बातचीत जारी है।
आरजेडी व कांग्रेस के बीच लोजपा की ओर से सीटों की साझेदारी को लेकर मध्यस्थता कर रहे खालिक ने कहा कि वह भाजपा के साथ गंठबंधन को लेकर हो रही बातचीत में शामिल नहीं हैं। उन्होंने बचाव की मुद्र में खुद ही पूछ लिया कि क्या भाजपा से कोई बात चल रही है?
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी काफी घुटन महसूस कर रही है, क्योंकि पिछले तीन महीनों से (आरजेडी और कांग्रेस) हो रही बातचीत के कोई वांछित परिणाम नहीं मिले हैं।
दोनों के बीच पक रही खिचड़ी:सूत्र
सूत्रों के अनुसार, बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन के लिए लोजपा के नेता मुख्य रूप से वार्ता में शामिल रहे हैं। भाजपा के सांसद शाहनवाज हुसैन को हाल ही में लोजपा की ओर से न्योता मिला था, जबकि बीते माह 14 जनवरी को भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने पासवान से मुलाकात की थी। वहीं, कांग्रेस पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए लोजपा ने 10 सीटों की सूची भेजी थी।
भाजपा नीत एनडीए और कांग्रेस नीत यूपीए-1 दोनों में ही पासवान मंत्री पद पर रहे हैं। वर्तमान में उनकी पार्टी यूपीए-2 को बाहर से समर्थन दे रही है।
पलड़ा भारी देख रुख बदलते रहे हैं पासवान
पासवान ऐसे नेता हैं जो 1989 से 2009 तक लगभग हर गठबंधन सरकार में शामिल रहे और मंत्री पद का भी लाभ उठाया। वह 8 बार लोकसभा सांसद रहे और अभी राज्यसभा में हैं। मौजूदा लोकसभा में उनकी पार्टी का एक भी सदस्य नहीं है।
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