रूस से निपटने को यूक्रेन भी तैयार
कीव – रूसी सेनाओं की तैनाती के बाद अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए यूक्रेन ने भी रिजर्व सैनिकों को बुला लिया है। सारी सेनाओं को सतर्क और तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं। सभी असैनिक उड़ानों के लिए हवाईअड्डे बंद कर दिए गए हैं। यूक्रेन के कार्यकारी राष्ट्रपति अलिग्जैंडर टुवर्चीनोव पहले ही एटमी प्लांटों सहित प्रमुख जगहों की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दे चुके हैं। उनके मुताबिक, रूसीभाषी लोगों के अत्याचार के रूस के आरोप भ्रामक हैं। यूक्रेन कह चुका है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिकी और ब्रिटिश नेताओं की मदद लेगा। नाटो ने इस बारे में बातचीत के लिए सोमवार तड़के इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री अर्सेनी यात्सेनयक ने चेताया है कि अगर रूस ने सैन्य कार्रवाई की तो यह युद्ध की शुरुआत और रिश्तों का अंत होगा। रूस की सेना क्रीमिया की सीमा पर खाइयां खोद रही है। क्रीमिया में सशस्त्र समूहों ने महत्वपूर्ण जगहों पर कब्जा कर रखा है।
ओबामा ने पुतिन को आगाह किया
यूक्रेन संकट को गंभीर होने से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन से सीधी बात करें। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और उन्हें यूक्रेन की संप्रभुता के उल्लंघन पर आगाह करते हुए रूसी फौजों को फिर से क्रीमिया से वापस अपने बेस पर लौटने को कहा। बताया जाता है कि 90 मिनट की बातचीत में पुतिन से ओबामा ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के हनन पर गहरी चिंता जताई और कहा कि अगर सेना नहीं लौटती तो रूस राजनीतिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग पड़ने को तैयार रहे। क्योंकि अमेरिका जून में रूस में होने वाली जी-8 शिखर बैठक का बहिष्कार कर सकता है। कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने भी अमेरिका का साथ देते हुए इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने की धमकी दी।
यूक्रेन को हरसंभव मदद का भरोसा
वाइट हाउस से शनिवार को जारी बयान में कहा गया – ओबामा ने पुतिन से कहा कि अगर रूस को यूक्रेन में बसे मूल निवासी रूसियों और अल्पसंख्यकों की चिंता है तो उनकी समस्याओं का समाधान यूक्रेन की सरकार के साथ बातचीत कर या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद या ‘ऑर्गनाइजेशन फॉर सिक्युरिटी ऐंड कोऑपरेशन इन यूरोप’ की निगरानी में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को वहां भेज कर वहां की सरकार से बातचीत कर शांतिपूर्वक करना ज्यादा बेहतर होगा।’ ओबामा ने अपने प्रशासन को यूक्रेन सरकार को तुरंत तकनीकी और वित्तीय सहयोग सहित अन्य प्रकार का सहयोग मुहैया कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ लगातार काम करने को कहा है।
रूस ने छेड़ा मीडिया वॉर
रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन के मुताबिक , पुतिन ने ओबामा से कहा कि रूस को अपने हितों की रक्षा करनेऔर यूक्रेन में रूसी भाषा बोलने वाले समुदाय की रक्षा का अधिकार है। यूक्रेन में मौजूद रूसी नागरिकों का जीवनऔर उनकी सेहत संकट में है। रूसी राष्ट्रपति ने कीव की नई सरकार पर राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा किए जाने वालीआपराधिक कार्रवाइयों के समर्थन का आरोप लगाया। रूस ने यूक्रेन पर अपनी कार्रवाई का समर्थन हासिल करने केलिए मीडिया वॉर भी छेड़ दी है।
इसलिए भड़का है यूक्रेन
नवंबर 2013 – राष्ट्रपति यांकोविच ने यूरोपीय यूनियन से कारोबार संधि के रूसी परस्त होने का आरोप लगाते हुएसमझौता तोड़ने का ऐलान किया। साथ ही , यूक्रेन के सांसदों ने विपक्षी नेता यूलिया त्यामोशेंको को देश छोड़करजाने के विधेयक को खारिज किया , जिसका काफी विरोध हुआ। रातोंरात सैकड़ों प्रदर्शनकारी राजधानी कीव मेंठंड के बीच सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया और 35 को गिरफ्तार भी किया।इसके बाद से दुनियाभर की नजर इस प्रदर्शन पर टिकी है।
दिसंबर 2013 – प्रदर्शन और भड़क गए और प्रदर्शनकारियों ने मशहूर इंडिपेंडेंस स्क्वेयर में तंबू गाड़ दिए। पूरा शहरजाम हो गया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन मदद को आगे आए।
जनवरी 2014 – यूक्रेन की संसद के एंटी प्रोटेस्ट लॉ पास होने का सबसे ज्यादा विरोध हुआ। इसमें प्रदर्शनों कोकुचलने के ज्यादा उपाय किए गए। दो प्रदर्शनकारियों के मरने के बाद लोगों ने सरकारी दफ्तरों पर कब्जा करलिया। प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। संसद ने प्रदर्शन विरोधी बिल खारिज करते हुए एमनेस्टी बिल पासकिया जिसमें प्रदर्शनकारियों से आरोप हटाने की बात कही गई थी।
फरवरी 2014 – पहले हफ्ते में प्रदर्शन धीमे पड़े। कुछ प्रदर्शनकारी छोड़े गए , लेकिन आरोप जस के तस थे। लेकिनमहीने के उत्तरार्द्ध में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से भिड़ंत हो गई। तब से यूक्रेन हिंसा की आग में जल रह ा है।
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