कैलगिरी में स्थानीय निवासियों को ही मिलेंगे टैक्सी लायसेंस

कैलगिरी,कैलगिरी में टैक्सी उद्योग में जबरदस्त तबदीली की जा रही है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि सरकार एक ऐसी प्रणाली भी लागू करने पर विचार कर रही है जिस के लागू हो जाने के बाद सिर्फ स्थानीय टैक्सी मालिकों को बेहद लाभ होगा। असल में कुछ टैक्सी मालिकों ने 1526 कुल टैक्सियों में एक से अधिक टैक्सियों डाली हुई हैं पर यह स्पष्ट नहीं हो रहा कि इन में से कितनी टैक्सियां सिर्फ स्थानीय क्षेत्र की हैं। एक सरकारी अधिकारी मार्क हालात ने बताया कि बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जिन के पास 6 लायसेंस हैं पर वे देश के अन्य हिस्सों में रहते हैं। वे कैलगिरी की टैक्सी सेवा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते। ऐसे लायसेंस रद्द किये जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि आप या तो सिर्फ यहीं रहोगे या फिर यहां से पूरी तरह चले जाओगे। हम अन्य स्थानों पर टैक्सी चलाने वालों को एक बार नाम पता तबदील करने का मौका जरूर देंगे। हम समझते हैं कि अब समय आ गया है कि अब आप या तो इस सेवा में कैलगिरी में ही दिलचस्पी ले या फिर यहां से अलग हो जाएं। उनका कहना है कि पहले भी यह चर्चा हो चुकी है कि हर लायसेंस प्राप्त टैक्सी कैलगिरी में सुब्ह 4 बजे से सांय 4 बजे तक काम करे।
उल्लेखनीय है कि कैलगिरी में टैक्सी डालने का लायसेंस लेने के लिए हर व्यक्ति का कैलगिरी निवासी होने का सबूत देना होता है। पर यह माना जाता है कि लायसेंस लेने के बाद व्यक्ति अन्य शहर में चला जाता है। सरकारी अधिकरी हालात का कहना है कि ऐसे टैक्सी मालिकों ने अब किराये के व्यक्ति रख कर काम कराना शुरू कर दिया है। गत दिनों यह मामला जोर-शोर से उठाया गया और इसको एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने रौशनी में लाया। कैलगिरी में रजिस्टर्ड टैक्सी ने एक साल में कम से कम 981 घंटे काम करना होता है।
ड्राइवर्स की संस्था की अगुआई करते भुपिंद्र गिल ने टैक्सी उद्योग को फायदे में लाने के लिए स्थानीय टैक्सी मालिकों की स्थिति सुधारने के लिए कई बार हड़ताल की है। अब उसने एक ऐसी परियोजना तैयार की है जिस द्वारा वो इस कारोबार से जुड़े लोगों की भलाई के लिए काम करेगा।

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