खतरे में 1.18 लाख करोड़ रु. की फेसबुक-वॉट्सएप डील
न्यूयॉर्क. फेसबुक व वॉट्सएप के 1.18 लाख करोड़ रुपए के सौदे पर खतरा मंडरा रहा है। दो प्राइवेसी ग्रुप ने इस सौदे पर रोक लगाने की मांग की है। इनका तर्क है कि इस से 45 करोड़ वॉट्सएप यूजर्स की प्राइवेसी पर खतरा हो सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेसी इंफॉरमेशन सेंटर (एपिक) व सेंटर फॉर डिजिटल डेमोक्रेसी (सीडीडी) ने फेडरल ट्रेड कमीशन से संपर्क किया है। इनका कहना है कि फेसबुक ने यूजर के पर्सनल डेटा के इस्तेमाल पर रुख साफ नहीं किया है। इस पहलू की जांच होनी चाहिए। ट्रेड कमीशन कंपनियों की उपभोक्ता विरोधी और अनुचित गतिविधियों पर नजर रखता है।
वॉट्सएप की जांच भी हो
वॉट्सएप ने लंबे समय से विज्ञापनों के लिए यूजर डेटा जमा न करने का वादा निभाया है। लेकिन डील के बाद भी ऐसा ही रहेगा, यह कहना काफी मुश्किल है।
प्राइवेसी से जुड़े सवाल व मुद्दे
– यूजर्स के नंबरों तक फेसबुक की कितनी पहुंच होगी ?
– फेसबुक इस डेटा को कैसे और कहां इस्तेमाल करेगा ?
– फेसबुक के कहने पर वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी बदली गई तो क्या होगा ?
– फेसबुक ने इंस्टाग्राम की प्राइवेसी पॉलिसी में भी बदलाव किया था।
– कई यूजर प्राइवेसी के कारण ही फेसबुक से दूर हैं।
यूजर डेटा और फेसबुक
– 1.2 अरब यूजर्स की उम्र, लिंग व यूजर ट्रेंड मॉनीटर होता है।
– इस डेटा को विज्ञापन कंपनियों को बेचा जाता है।
– यूजर ट्रेंड के आधार पर हर यूजर के पेज पर अलग विज्ञापन आते हैं।
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