मर्जी से सेक्स करने वाली महिलाओं को भी फांसी हो: अबू आजमी

abu-asim-azmiमुंबई – समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच ऊल-जुलूल बयान देने की होड़ नए स्तर पर पहुंच गई है। अब एसपी नेता अबू आजमी ने अपनी पार्टी के चीफ मुलायम सिंह यादव के रेप वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रेपिस्टों के साथ-साथ उन महिलाओं को भी फांसी की सजा होनी चाहिए, जो अपनी मर्जी से सेक्स करती हैं। इंग्लिश अखबार मिड डे से हुई बातचीत में अबू आजमी ने कहा, ‘मेरी निजी राय है कि रेप पर इस्लाम में फांसी की सजा है। यहां औरतों को कुछ नहीं होता है, लेकिन मर्दों को सजा दी जाती है। हमारे हिन्दुस्तान में सहमति से सेक्स करें तो कुछ नहीं होता है, लेकिन अगर वही शख्‍स इसकी शिकायत करता है तो दिक्‍कत हो जाती है। लड़कियां जब चाहे शिकायत कर देती हैं। जब उन्‍हें कोई हाथ लगाए तो भी, न लगाए तो भी। ऐसी स्थिति में समस्‍या खड़ी हो जाती है और पुरुष की इज्‍जत खाक में मिल जाती है। अगर बलात्‍कार सहमति या बिना सहमति के भी होता है, तो भी इस्‍लाम के मुताबिक मौत की सजा दी जानी चाहिए।’

आजमी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, ‘इस्लाम के मुताबिक सहमति से भी कोई अगर सेक्स करता है तो फांसी होनी चाहिए। मतलब यह है कि हिंदुस्तान में रेप के लिए तो फांसी हो रही है, लेकिन अगर कोई मर्जी से सेक्स कर रहा तो सजा नहीं हो रही। कोई सहमति से किसी के साथ रह रहा है तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन नाराज होकर अगर वह ब्लैकमेल करने के लिए कंप्लेंट कर दे तो फांसी हो जाएगी। मामला संगीन है।’ अखबार ने जब उनसे इसके हल के बारे में पूछा, तो जवाब मिला, ‘हल यह है कि कोई भी लड़की हो, शादीशुदा या अविवाहित, अगर वह किसी से अपनी मर्जी से भी सेक्स करे तो उसे भी फांसी होनी चाहिए।’

आजमी ने अपनी बात के समर्थन में इस्लाम का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘रेप के लिए तो फांसी है ही इस्लाम में। अगर किसी शख्स ने लड़की से जोर-जबरदस्ती की तो उस शख्स को सजा मिलनी ही चाहिए। ऐसे मामले में भला बेचारी लड़की को क्यों सजा दी जाए? लेकिन मेरा यह कहना है कि अगर लड़की कहीं अपनी मर्जी से भी जाती है, उसकी भी इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। मुझे लगता नहीं कि किसी भी धर्म में कोई बाप अपनी बेटी को गैर मर्द के साथ यह करने की इजाजत देगा। यह हमारी संस्कृति है। और इस्लाम में तो ऐसा है कि अगर लड़की ऐसा करेगी तो उसे और उस मर्द को भी फांसी होगी 100 पर्सेंट।’

अपने इस बात का निचोड़ बताते हुए आजमी ने कहा, ‘मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर कोई शख्स किसी लड़की से रेप करता है तो उसे फांसी होनी चाहिए। लेकिन अगर किसी को पता चलता है कि कोई लड़का-लड़की अपनी मर्जी से कहीं होटेल में गए और ये किया, तो इस पर बैन लगना चाहिए और सजा होनी चाहिए। मैं अगर कुछ बोलूंगा तो अपने धर्म के खिलाफ नहीं बोलूंगा। और इस्लाम के हिसाब से तो दोनों को ही फांसी ही होनी चाहिए।’

मुलायम सिंह के कॉमेंट पर उन्होंने कहा, ‘देखिए मुझे नहीं मालूम किस संदर्भ में उन्होंने बात कही। शायद वह इस बारे में बात कर रहे होंगे कि कई बार गलत लोगों को भी फांसी मिल जाती है। लेकिन मेरा यह मानना है कि फांसी तो होनी ही चाहिए। मैं अपने धर्म इस्लाम के खिलाफ नहीं बोल सकता। रेप करने वालों को फांसी मिलनी ही चाहिए।’

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