बनारस में मोदी के खिलाफ नहीं उतरेंगे मुख्तार

वाराणसी – बनारस सीट से मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस खत्म हो गया है। बीजेपी के पीएम पद के कैंडिडेट नरेन्द्र भाई मोदी के खिलाफ मुख्तार मैदान में नहीं उतरेंगे। कौमी एकता दल ने समर्थन देने के मामले पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
कौमी एकता दल के अध्यक्ष और एकता मंच के संयोजक मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी गुरुवार शाम वाराणसी में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने ऐलान किया कि बनारस सीट से मुख्तार चुनाव नहीं लड़ेंगे। अंसारी ने कहा कि मोदी को हराने के लिए उन्होंने धर्म निरपेक्षता का मुखौटा लगाए दलों से समर्थन और साझा उम्मीदवार खड़ा करने की बात की थी लेकिन किसी ने हामी नहीं भरी। मुखौटा लगाने वाले लोग मोदी को हरा न पाने का फंदा कौमी एकता दल के गले में न डाल सकें, इसलिए हमने फैसला किया कि मुख्तार मोदी से टक्कर नहीं लेंगे। पार्टी का कोई और कैंडिडेट भी मैदान में नहीं होगा।
सब बीजेपी से मिले हैं : अफजाल ने कहा कि सभी दल अंडर टेबल बीजेपी से मिले हुए हैं और ऊपर से साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ने का ढोंग रच रहे हैं।
हौसला टूटा नहीं : एक सवाल के जवाब में अफजाल ने कहा कि हौसला नहीं टूटा है। मुख्तार के न लड़ने का फैसला राजनीतिक हिकमत के तहत है। मोदी बनारस की गंगा जमुनी संस्कृति-तहजीब और ताने-बाने को तोड़ भाईचारे को खत्म करने आए हैं। डॉ. मुरली मनोहर जोशी के मुकाबले महज 17 हजार मतों से ही चुनाव हारने के बावजूद पार्टी बनारस को बचाने के लिए कुर्बानी देने को तैयार है।
समर्थन पर फैसला 17 के बाद : अफजाल अंसारी ने कहा कि किसी को समर्थन देने पर पार्टी ने अभी फैसला नहीं किया है। हमारा समर्थन सभी चाहते हैं। एक बार फिर कोशिश है कि चुनाव मैदान में उतरे दल किसी एक कैंडिडेट पर सहमति बना लें। इसके लिए नामांकन शुरू होने के दिन 17 अप्रैल तक का वक्त है। अगर सहमति बनी तो कौमी एकता दल भी साथ होगा। हर गांव-गली मोहल्ले में पार्टी के संगठन और कार्यकर्ता समर्थन देने का अहसास कराएंगे। सहमति न बनने पर मोदी को जो भी मजबूत टक्कर देता दिखेगा, पार्टी उसे समर्थन देगी। इस बारे में फैसला 17 के बाद ही होगा।

मोदी चंदगी राम : अफजाल अंसारी ने मोदी की तुलना अखाड़े के पहलवान चंदगी राम से की। उन्होंने कहा कि चंदगी राम से मुकाबले को कमजोर पहलवान होगा तो उसकी क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। अब भी वक्त है पार्टियां और कैंडिडेट चेत जाएं।

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