जिमनी चुनाव : ट्रिनिटी-सपडाइना में एन.डी.पी. और लिबरल के बीच कांटे की टक्कर
ओलिविया चाओ की ओर से खाली की गई टोरंटो डाउनटाउन के ट्रिनिटी-सपडाइना क्षेत्र में होने वाले जिमनी चुनाव का चाहे अभी तक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन गतिविधियां पूरी तरह तेज हो चुकी हैं। साल 2006 से एन.डी.पी. की ओर से इस क्षेत्र पर ओलिविया चाओ का कब्जा चला आ रहा है और अब उन्होंने इस क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया है और टोरंटो के मेयर के चुनाव लड़ रही है।
एन.डी.पी. की ओर से पहले ही चाओ के सहायक रहे जो करेसी उम्मीदवार बन चुके हैं और कुछ दिन पहले टोरंटो के प्रसिद्ध काउंसिलर एडम वाहन ने लिबरल की नामजदगी चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। एक क्लब से उन्होंने लिबरल के नामजदगी चुनाव लडऩे का ऐलान किया। समझा जा रहा है कि वह आसानी से यह नामजदगी चुनाव जीत जाएंगे।
वाहन जो मेयर रोब फोर्ड के आलोचक रहे हैं, को यहां के लोग अच्छी तरह जानते हैं जबकि करेसी को अभी बहुत लोग नहीं जानते। जहां वाहन को उनकी लोकप्रियता का लाभ मिल रहा है वहीं करेसी को उच्च दर्जे के लिबरल नेताओं का समर्थन प्राप्त हो रहा है। माइकल इगनाटीअफ की कंपेन में मुख्य भूमिका निभाने वाले वारन कंसेला ने जो करेसी को अपने समर्थन का ऐलान किया है। कंसेला का कहना है कि जो एक बहुत बढिय़ा व्यक्ति हैं। वह किसी भी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ते उन्होंने जो को ही अपना पसंदीदा उम्मीदवार बनाना था। कंसेला ने का कहना है कि जो को बहुत समझ है और बढिय़ा उम्मीदवार साबित होंगे। कंसेला के अलावा इगनाटीअफ की सहायक रही लीसा किरबी और इगनाटीअफ के भरा एंड्रियू की भी जो करेसी की हिमायत करने का ऐलान किया गया है।
29 वर्षीय जो करेसी की ओर से अपने चुनाव अभियान को जोर-शोर से शुरू किया हुआ है जबकि एडम वाहन ने पिछले हफ्ते ही लिबरल लीडरशिप को अपने इस इरादे बारे बताया है। इस क्षेत्र पर जिमनी चुनाव शहरी चुनाव से पहले होने हैं। समझा जा रहा है कि ओलिविया चाओ टीम को एक समय दो चुनाव अभियान चलाने होंगे।
जो करेसी की जीत ओलिविया की एक परख की घड़ी है क्योंकि जो करेसी ओलिविया की एमपी के तौर पर अपना चुनाव अभियान चला रहे हैं और मेयर के चुनाव अभियान में यदि एक एमपी जुड़ जाता है तो ओलिविया को अच्छा रिस्पांस मिलना स्वाभाविक है। ओलिविया के मेयर की तौर पर चुनाव अभियान की शुरूआत जो करेसी की ओर से ही की गई है।
बेशक वर्तमान समय में कुछ सर्वेक्षण कंपनियां एडम वाहन को आगे बता रही हैं, लेकिन जब कंपने शुरू होगी और स्थानीय मुद्दे सामने आएंगे, असल सर्वेक्षण उस समय ही सामने आएंगे। एन.डी.पी. का इस क्षेत्र से हमेशा जोर रहा है। चुनाव उम्मीदवार की प्रसिद्धी पर ना होकर मुद्दों पर आधारित होंगे। इसलिए अधिकारिक तौर पर कंपेन शुरू होने पर ही असली लड़ाई सामने आएगी।
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