पत्नी के साथ जबरदस्ती संबंध बनाना रेप नहीं : कोर्ट
नई दिल्ली। राजधानी की कोर्ट ने पत्नी के साथ जबर्दस्ती बनाए गए शारीरिक संबंध को रेप की श्रेणी में नहीं रखने का फैसला सुनाया है। अदालत ने पत्नी से रेप के आरोपी एक पति को बरी कर दिया है। द्वारका कोर्ट में चल रहे एक मामले में एक महिला ने अपने पति पर ही रेप करने का आरोप लगाया था। एडिशनल सेशन जज वीरेंद्र भट्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पति और पत्नी की स्थिति में रेप का मामला नहीं बनता है चाहे पीड़ित की इच्छा और सहमति के बिना ही सेक्स हुआ हो।
यह है पूरा मामला?
पत्नी ने दावा किया था कि आरोपी विकास मार्च 2014 में आरोपी उसे बेहोशी की हालत में गाजियाबाद के मैरिज रजिस्ट्रार के दफ्तर ले गया और शादी के कागजात पर साइन करवा लिए। महिला का आरोप था कि बाद में आरोपी ने पीड़ित के साथ रेप किया और फिर उसे छोड़ दिया। महिला ने अक्टूबर 2013 में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई ।
अदालत ने इस मामले में 7 मई को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि शिकायतकर्ता और आरोपी कानूनी तौर पर शादीशुदा हैं। साथ ही पीड़ित बालिग भी हैं। ऐसे में दोनों की शादी होने के बाद जबर्दस्ती सेक्स होने पर भी रेप का केस नहीं बनता है।
अदालत ने कहा कि इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिल पाया कि आरोपी ने पीड़ित को मैरिज रजिस्ट्रार के दफ्तर में ले जाने से पहले कोई नशा दिया था। वहीं आरोपी बनाए गए विकास ने बेगुनाह होने का दावा करते हुए कहा कि महिला के घर पर 2 फरवरी 2011 को शादी हुई थी। उसका दावा था कि पत्नी के कहने पर ही उसने गाजियाबाद कोर्ट में शादी को रजिस्टर करवाने का फैसला लिया था। विकास ने यह आरोप भी लगाया कि उसकी बहन का घर का मालिकाना हक उसे न मिल पाने के बाद ही उनकी पत्नी ने रेप का केस दायर किया था।
Comments are closed.