हर बूथ के नतीजे न घोषित करने की मांग पर चुनाव आयोग को नोटिस

नई दिल्ली  – हर बूथ के हिसाब से नतीजे न घोषित कर पूरे संसदीय क्षेत्र के नतीजे एक साथ घोषित किए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग को मामले में अगली सुनवाई की तिथि 21 मई तक जवाब देना है। इसका 16 मई को होने वाली मत गणना पर असर नही पड़ेगा क्योंकि कोर्ट ने वर्तमान चुनाव के बारे में कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से मना कर दिया है।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व एनवी रमणा की पीठ ने सोमवार को जालंधर निवासी वकील योगेश गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद ये नोटिस जारी किए। गुप्ता ने पीठ से 16 मई को होने वाली गणना के बारे में भी अंतरिम आदेश पारित करने का अनुरोध किया था लेकिन पीठ ने इससे इन्कार करते हुए कहा कि बहुत कम समय बचा है इसलिए कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता।

इससे पहले प्रति बूथ के हिसाब से नतीजे घोषित करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई थी कि इससे न सिर्फ मत की गोपनीयता के अधिकार का हनन होता है बल्कि मतदाताओं के प्रताड़ित होने की भी आशंका है। ऐसा इस वजह से कि हर बूथ और ईवीएम मशीन के हिसाब से नतीजे घोषित करने से जीतने वाले उम्मीदवार को पता चल जाएगा कि उसे किस बूथ से कितने वोट मिले हैं और जहां पर उसे कम वोट मिले होंगे उस क्षेत्र के विकास पर वह ध्यान नहीं देगा। याचिका में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के उस बयान का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने गत 22 अप्रैल को महाराष्ट्र की बारामती संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रही उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं को धमकाया था। याचिका में कहा गया है कि अगर पूरे संसदीय सीट के नतीजे एक साथ घोषित किए जाएंगे तो मतदाताओं को ब्लैकमेल करने की आशंकाएं कम होंगी और मत की गोपनीयता के अधिकार की रक्षा होगी।

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