सिसौदिया, गोपाल राय को कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना पड़ा भारी

नई दिल्ली – भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर मानहानि के मामले में आप नेता अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने के निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ टिप्पणी करना आप नेता मनीष सिसौदिया व गोपाल राय को महंगा पड़ गया है। पटियाला हाउस कोर्ट की महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने इन दोनों आप नेताओं की टिप्पणी को लेकर पंकज मेहंदीरत्ता की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अदालत की अवमानना करने के मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई होगी।

मेहंदीरत्ता ने अदालत में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसौदिया व गोपाल राय के खिलाफ अदालत की अवमानना करने संबंधी याचिका दायर कर कहा है कि इन दोनों ही नेताओं ने अदालती आदेश पर सवाल उठाते हुए अदालत की अवमानना की है। इन्होंने अपने बयान में कहा था कि अदालती आदेश कानून के अनुसार नहीं है, बल्कि राजनीति में हुए बदलाव का नतीजा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इन दोनों नेताओं के बयान से यह जाहिर हो रहा है कि अदालत का यह आदेश केंद्र में सरकार बदलने का नतीजा है। साथ ही अदालती फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।

अधिवक्ता ने बताया कि 21 मई को केजरीवाल को निजी मुचलका न भरने के बाद जेल भेजने के आदेश के बाद इन दोनों नेताओं ने इस तरह की बयानबाजी की थी। जिससे समाज में एक गलत संदेश गया है। ऐसे में इनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

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