कोका-कोला के मोटापा विरोधी अभियान की आलोचना, 2 अरब रुपए हो रहे हैं खर्च

लंदन। कोका-कोला पर ब्रिटेन में मोटापे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए दो करोड़ पाउंड (करीब 1 अरब 98 करोड़ रुपए) की लागत से मोटापा विरोधी अभियान चलाने का आरोप लगा है। अपने कोका-कोला जीरो पार्कलाइव्स कार्यक्रम के लिए  कोका-कोला कंपनी ने लाखों रुपए पानी की तरह बहाए हैं। इस कार्यक्रम के जरिए उसने पूरे इंग्लैंड में 70 जगहों पर हजारों मुफ्त सेशन और कोचिंग की व्यवस्था की है।
कंपनी की इस घोषणा के बाद अब उसे अच्छे आहार के लिए अभियान चला रहे लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है और लोगों ने इसे एक घृणित अभियान का नाम दिया है। कार्डियोलॉजिस्ट और द एक्शन ऑन शुगर कैंपेन ग्रुप के साइंस डायरेक्टर डॉ असीम मलहोत्रा ने कहा कि ये एक चालाकी से किया गया स्टंट लगता है। ऐसे करके कंपनी इस बात से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है कि उसकी अपनी कंपनी का सॉफ्ट ड्रिंक मोटापे को बढ़ाने में सबसे ज्यादा सहयोगी है।
डॉ मलहोत्रा ने कहा कि कंपनी द्वारा चलाया जा रहा अभियान बोहिसाब है क्योंकि इसके जरिए उन कंपनियों को इस जीवनशैली के साथ संबंध बनाने का बढ़ावा मिलता है। आलोचकों ने इंग्लैंड के जन स्वास्थ्य विभाग से मिली चेतावनी हवाला देते हुए कहा कि सॉफ्ट ड्रिंक और पैक फ्रूट जूस उसमें पड़ने वाली शुगर के चलते मोटापा बढ़ाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आते है। ये शिकायत खासकर कम उम्र में लोगों में ज्यादा सामने आ रही है।
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