सिंचाई घोटाले में अजीत पवार को क्लीन चिट

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के उप मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजीत पवार को सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट दे दी है। 70 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच के लिए गठित माधव चितले की रिपोर्ट को इसकी कार्रवाई रिपोर्ट [एटीआर] के साथ सरकार ने शनिवार को विधानसभा में पेश कर दिया।

सरकार की ओर से विधानसभा में पेश की गई यह रिपोर्ट एक दिन पहले शुक्रवार को लीक हो गई थी, जिसमें दोषी अधिकारियों पर फौजदारी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसके अलावा संदेह के घेरे में आए मंत्रियों पर कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ दिया गया था। जांच रिपोर्ट पर तैयार कार्रवाई रिपोर्ट लीक होने के बाद भाजपा ने दोषी मंत्रियों के विरुद्ध फौजदारी मामला दर्ज करने की मांग शुरू कर दी है। भाजपा नेता विनोद तावडे ने समिति द्वारा दोषी पाए गए नेताओं का नार्को टेस्ट कराने और अजीत पवार के इस्तीफे की मांग की है। तावडे के अनुसार नार्को टेस्ट से दोषी मंत्रियों के नाम सामने आ जाएंगे।

विधानसभा में जांच रिपोर्ट पर जवाब देते हुए मौजूदा सिंचाई मंत्री सुनील तटकरे ने बताया कि मुख्य वित्तीय अधिकारी और कार्यकारी निदेशक द्वारा लागत में वृद्धि सिंचाई विकास निगम की गवर्निग काउंसिल के ध्यान में लाया गया है, जिस पर अभी मंजूरी मिलनी बाकी है। सिंचाई घोटाले में नाम आने के बाद राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, जांच समिति गठित होने के बाद उन्होंने फिर उप मुख्यमंत्री पद संभाल लिया था। राकांपा कोटे के एक अन्य वरिष्ठ मंत्री भी आरोपों के घेरे में हैं। घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने जल प्रबंधन विशेषज्ञ माधवराव चितले की अध्यक्षता वाली समिति गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट कई माह पहले ही सौंपी जा चुकी थी, लेकिन रिपोर्ट को सरकार अब तक विधानमंडल में पेश करने से बच रही थी।

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