सरहद की सुरक्षा पर भी मोदी ने संभाली कमान
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि सरहद की सुरक्षा को लेकर वे शीर्ष स्तरीय सतर्कता से कम कुछ बर्दाश्त नहीं करेंगे। शुक्रवार को उन्होंने खुद रक्षा मंत्रालय के वार रूम पहुंचकर सारी तैयारियों का ब्योरा लिया। साथ ही रक्षा बलों को यह भरोसा भी दिया कि उनकी जरूरतों को पूरा करने में कोताही नहीं रहने दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने यहां साउथ ब्लाक स्थित रक्षा मंत्रालय के ऑपरेशनल ब्रीफिंग रूम में रक्षा संबंधी सारी तैयारियों का ब्योरा लिया और सीमा पर ताजा स्थिति की समीक्षा भी की। अगले महीने पड़ोसी देश अफगानिस्तान से अमेरिका अपनी फौज हटाने जा रहा है। पिछले दिनों ही हेरात में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पर हमला हो चुका है। ऐसे में पीएम इस मोर्चे पर कोई कसर नहीं रहने देना चाहते।
उन्होंने सेना की आधुनिकीकरण संबंधी जरूरतों को भी विस्तार से समझा। मोदी के अधिकारियों के साथ चर्चा करने, उनकी बातों को गंभीरता से सुनने और उत्साह बढ़ाने से पूरे रक्षा प्रतिष्ठान में ऊर्जा का संचार हो गया है। मोदी रक्षा क्षेत्र में आई सुस्ती और संसाधनों की कमी दूर करने के लिए हर मुमकिन उपाय करना चाहते हैं। उनका मानना है कि सेना को सम्मान और साजो-सामान की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने खरीद और निर्माण प्रक्रिया को दुरुस्त करने का एलान करने के साथ ही कहा कि उनकी सरकार रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जरूरतों पर भी विचार कर रही है।
इसी हफ्ते सरकार की मंशा का इजहार करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी संसद के साझा अधिवेशन में कहा था कि रक्षा उपकरणों के डिजाइन और उत्पादन में अधिक हिस्सेदारी के लिए निजी क्षेत्र सहित घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय समुद्र तटीय प्राधिकरण बनाने की भी घोषणा की है। इस प्राधिकरण के जरिये तटीय इलाकों में सुरक्षा परियोजनाओं के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय में मदद मिलेगी।
‘मुसलमानों समेत समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर चलेगी सरकार’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय को देश के विकास में बराबर का भागीदार बनाने का आश्वासन दिया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान इंडियन मुस्लिम लीग के ई. अहमद समेत कुछ मुस्लिम सांसदों द्वारा जताई गई शंकाओं के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज का कोई एक अंग दुर्बल रहा तो समाज सशक्त नहीं हो सकता है। आजादी के 67 साल के बाद भी मुसलमानों के विकास से वंचित रहने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अब स्थिति बदलने का समय आ गया है। सरकार मुसलमानों समेत समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर चलेगी।
संसद में प्रधानमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के विकास की दौड़ में पिछड़ जाने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था, तब भी एक मुसलमान भाई को साइकिल रिपेयरिंग करते देखता था। आज उसकी तीसरी पीढ़ी का बेटा भी वही साइकिल रिपेरिंग काम करता है। इसे बदलना होगा। अपने जवाब में देश के सभी वर्गो, समुदायों और क्षेत्रों के विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शरीर का अगर एक अंग विकलांग हो तो वह शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता। समाज का कोई एक अंग दुर्बल रहा तो समाज सशक्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, हमें इसी मूल भावना से 125 करोड़ लोगों के विकास के लिए काम करना होगा।
दुष्कर्म की घटनाओं का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण न करें नेता
उत्तर प्रदेश के बदायूं कांड से व्यथित प्रधानमंत्री ने महिलाओं के प्रति हिंसा की बदायूं, मणिपुर व अन्य जगह घटित हुई ताजा घटनाओं पर चिंता और अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सबकी जिम्मेदारी है। सरकार या सदन में बैठे लोगों की ही नहीं बल्कि सभी सवा सौ करोड़ देशवासियों का दायित्व है कि वे नारी का सम्मान करें और उन्हें सुरक्षा दें। मुलायम जैसे नेताओं के बयानों से आहत प्रधानमंत्री ने मार्मिक शब्दों में पूछा, ‘क्या हम इस स्तर पर पहुंच गए हैं कि ऐसे विश्लेषण कर रहे हैं? क्या हम मौन नहीं रह सकते?’
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