मोदी सरकार का आम बजट दस जुलाई को
नई दिल्ली, मोदी सरकार का पहला आम बजट 10 जुलाई को पेश होगा। सोमवार को हुई संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 7 जुलाई से 14 अगस्त तक बजट सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रेल बजट आठ जुलाई को पेश होगा।
वैसे, पिछली कैबिनेट बैठक में ही बजट सत्र की अवधि पर चर्चा हो चुकी थी। बताते हैं कि सोमवार को संसद परिसर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में तिथि को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया गया। सत्र के दूसरे दिन रेल बजट, नौ जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण और 10 तारीख को आम बजट पेश किया जाएगा। ध्यान रहे कि पिछली सरकार के वित्तीय प्रबंधन को लेकर चलती रही बयानबाजी के बीच इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण अहम होगा। जबकि आम बजट में जहां कुछ क्षेत्रों में कठोर फैसलों का संकेत पहले ही दिया जा चुका है। वहीं भाजपा के नेताओं की ओर से आयकर की सीमा बढ़ाने की बात की जाती रही है।
सूत्रों के अनुसार कुल 28 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में एससी एसटी प्रीवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज अमेंडमेंट ऑर्डिनेंस, पोलावरण प्रोजेक्ट ऑर्डिनेंस, ट्राई अमेंडमेंट ऑर्डिनेंस और सेबी से जुड़े ऑर्डिनेंस को कानून में बदलने की प्रक्रिया प्राथमिकता में होगी। कई अन्य लंबित विधेयक भी इस सत्र में आ सकते हैं।
बजट सत्र में भविष्य की राजनीति की दिशा भी तय होगी। दरअसल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, उपाध्यक्ष, लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जैसे कई अहम पदों पर फैसला होना है। दस फीसद संख्या बल के मानक पर कांग्रेस खरी नहीं उतरी है, कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दबाव है। वहीं भाजपा नेताओं की ओर से यह कहने में हिचक नहीं है कि कांग्रेस ने कभी सहृदयता नहीं दिखाई। वैसे भी यह तो तय है ही कि नेता प्रतिपक्ष पद कांग्रेस को मिल भी जाए तो विपक्ष को जाने वाले दूसरे पद उसे नहीं मिलेंगे। उन पदों पर तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक जैसे दलों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
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